"अखिलेश यादव से तलाक मिलने का इंतजार लेकिन... ": सपा के साथ बढ़ती तल्‍खी के बीच बोले ओपी राजभर

यूपी विधानसभा चुनाव और रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों के हाल के चुनाव में सपा के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ओमप्रकाश राजभर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के रवैये के खिलाफ मुखर हैं.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
अखिलेश यादव और ओमप्रकाश राजभर के सियासी रिश्‍तों में खटास बढ़ रही है
बलिया/मऊ:

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar)ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) से बढ़ती तल्खी की खबरों के बीच कहा कि उन्हें अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की तरफ से ‘तलाक' मिलने का इंतजार है, लेकिन वह स्वयं सपा से गठबंधन तोड़ने की पहल नहीं करेंगे. सुभासपा और सपा के बीच तल्खी बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की पत्रकार वार्ता में भी नजर आई थी.  सपा ने इस पत्रकार वार्ता में गठबंधन के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत सिंह को तो बुलाया था; लेकिन सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नजर नहीं आये थे.

मऊ जिले में पार्टी की एक बैठक में सम्मिलित होने जा रहे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजभर ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में स्पष्ट किया कि वह सपा से गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे. उन्होंने सपा से तल्खी को लेकर मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘उन्हें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक' मिलने का इंतजार है.''उन्होंने कहा, ‘‘वह अब भी सपा के साथ हैं. अखिलेश यादव यदि उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे, तो वह सपा के साथ जबरदस्ती नहीं रहेंगे.'' उन्होंने सपा अध्यक्ष द्वारा विपक्षी दलों के संयुक्त राष्ट्रपति पद उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में आयोजित बैठक में सम्मिलित नहीं होने को लेकर पूछे जाने पर कहा कि ‘‘अखिलेश यादव भूल गए होंगे, इसलिए उन्हें बैठक में नहीं बुलाया.'' मऊ से मिली खबर के अनुसार यहां हिंदी भवन में आयोजित पार्टी पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक में राजभर ने यही बात दोहराई. उन्होंने सपा प्रमुख यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यह उन्हीं से पूछिए कि उन्होंने क्यों नहीं बुलाया.

राजभर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में अपने फैसले की घोषणा 12 जुलाई को करेंगे. उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को मऊ और शनिवार को बलिया एवं गाजीपुर में पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात करेंगे तथा इसके बाद अपना फैसला सार्वजनिक करेंगे. उन्होंने यशवंत सिन्हा के समर्थन को लेकर पूछे जाने पर कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है.गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की राजभर की सलाह को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा था कि सपा को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है.

Advertisement

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों के हाल में सम्पन्न उपचुनाव में सपा के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ओमप्रकाश राजभर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के रवैये के खिलाफ मुखर हैं. उन्होंने अखिलेश को वातानुकूलित कमरे से बाहर निकलकर सड़क पर संघर्ष करने की सलाह दी थी. राजभर ने यह भी कहा था कि सपा और बसपा को वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ना चाहिये. सुभासपा प्रमुख की दलील थी कि जब दोनों ही दल पिछड़ों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं, तो फिर चुनाव अलग-अलग क्यों लड़ते हैं? सुभासपा और सपा ने 2022 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. सुभासपा ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था और छह सीटों पर जीत हासिल की थी. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थी और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद सत्ता में शामिल भी हुई थी, लेकिन बाद में पार्टी सरकार से अलग हो गई थी.

Advertisement

* भारत में पिछले 24 घंटे में 18,815 नए COVID-19 केस, कल से मामूली कमी
* "जापान के पूर्व PM शिंज़ो आबे को गोली लगी : 10 बातें
* खुद बिस्तर से उठ पा रहे लालू यादव, तबीयत में है सुधार, बेटी मीसा भारती ने शेयर की तस्वीर

Advertisement

दिल्ली एम्स में भर्ती लालू यादव की सेहत में सुधार, जनरल वॉर्ड में हो सकते हैं शिफ्ट

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Muslim Country कुवैत कैसे इतना अमीर बन गया?