Uttar Pradesh: कोविड टीकाकरण को लेकर शुरू में तरह-तरह की भ्रांतियां थी. टीका लगवाने को लेकर लोगों में हिचक थी और वाजिब या गैरवाजिब कारणों से लोग इसको लगवाने से कतरा भी रहे थे लेकिन बाद में सभी लोग कोविड-19 इंजेक्शन को लगवाना शुरू किया. हालांकि यह डर अभी भी कई इलाकों में बहुत लोगों में है. इसका ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बलिया में नजर आया जहां कोविड-19 टीकाकरण करने गए दो टीमों को अजीब हालात से दो-चार होना पड़ा. एक व्यक्ति तो टीम के डर से पेड़ पर ही चढ़ गया और दूसरा टीका लगाने वाले कर्मचारी से ही उलझ गया. यह मामला तब सामने आया जब इनका वीडियो वायरल हुआ.
बलिया जिले के रेवती ब्लॉक के विशुनपुरा गांव में कोविड-19 इंजेक्शन लगाने के लिए डुगडुगी से लोगों को जानकारी दी जा रही है.इसी ब्लॉक में टीकाकरण वाले कर्मचारियों कोउस समय अजीबोगरीब परिस्थिति से सामना करना पड़ा जब गांव में पहुंचते ही इनके डर से एक व्यक्ति पेड़ पर चढ़ गया. काफी मान-मनौव्वल के बाद यह शख्स नीचे उतरा. टीकाकरण कराने के लिए उसे मनाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. पेड़ पर चढ़े युवक को तो किसी तरह समझा-बुझाकर उतार लिया गया लेकिन उसी ब्लॉक में नदी के किनारे मछुआरों को टीका लगाने पहुंची टीम को एक नई मुसीबत से सामना करना पड़ा. यहां एक मछुआरे ने टीका नहीं लगवाया. यही नहीं, जब टीम टीका लगवाने के लिए उस पर दबाव डाला तो वह न केवल कर्मचारी से उलझ गया और उसे सरयू में कूद गया.
रेवती ब्लॉक की इस घटना कीतस्दीक खंड विकास अधिकारी भी करते हैं. खंड विकास अधिकारी अतुल कुमार दुबे ने बताया, 'विकास खंड रेवती में एक ग्राम पंचायत हाड़िहाकाला है. जो व्यक्ति पेड़ पर चढ़ा, वह टीका के लिए पहले से पूरी तरह से तैयार नही था. हम लोगों ने उसे पेड़ से उतारा.आनाकानी करने के बाद वह पेड़ से उतरा और उसको टीका लगा दिया गया. दूसरा मामला सरयू घाघरा नदी का है. टीका लगवााने के लिए कहने पर एक नाविक का जवाब था-मैं अभी नही लगवाऊंगा मैं बीमार हूं. मैं काम करता हूं. सुबह से निकला हूं कुछ खाया भी नहीं है और बिना कुछ खाए मैं टीका नही लगवाऊंगा. जब हमारी टीम के एक सदस्य ने उससे कहा कि आपको टीका लगवाना पड़ेगा तो उसने कहा-टीका नहीं लगवाऊंगा. इसके बाद वह नाविक नदी में कूद गया और इस कर्मचारी को भी पानी में डालने की धमकी दी. हालांकि बाद में मेरे समझाने के बाद उसने कहा सर मैं अवश्य टीका ले लूंगा.' बलिया की ये दो घटना बताती है कि अभी भी कोविड टीकाकरण को लेकर गांवों में जागरूकता की कमी है तभी तो ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं.