यूपी : 9वीं शताब्दी के मंदिर के सौंदर्यीकरण पर आमने-सामने DM और ASI डायरेक्टर, अधर में लटका प्रोजेक्ट

चंदेल शासक राजा कीर्तिवर्मन द्वारा निर्मित यह मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन आता है.

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डीएम ने मंदिर के जरिए पर्यटकों को लुभाने के लिए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था.
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के महोबा में नौवीं शताब्दी में बने एक मंदिर को लेकर वहां के डीएम और भारतीय पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर आमने सामने आ गए. महोबा के डीएम ने जर्जर पड़े ऐतिहासिक सूर्य मंदिर परिसर में लाइट डेकोरेशन और सड़क निर्माण का काम शुरू करवाया था. लेकिन भारतीय पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर ने वहां पहुंचकर काम को रुकवा दिया. बता दें, चंदेल शासक राजा कीर्तिवर्मन द्वारा निर्मित यह मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन आता है. 

डीएम ने उस मंदिर के जरिए पर्यटकों को लुभाने के लिए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया था. लेकिन दोनों के आमने-सामने आने के बाद यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया. हालांकि, दोनों अधिकारी इस मामले पर अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

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महोबा जिलाधिकारी मनोज कुमार ने पर्यटन और विकास को बढ़ावा देने के मकसद से खंडहर होते जा रहे मंदिर के जीर्णोद्धार की कोशिश की थी. इसके लेकर नगरपालिका परिषद प्रशासन ने करीब 40,00,000 से ज्यादा की लगात से लाइट, हाइटेक डेकोरेशन और सड़क निर्माण का काम शुरू किया था. लेकिन इसके बाद भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारी ने इसको लेकर विभाग को रिपोर्ट भेजी थी. जिसके बाद डायरेक्टर तुरंत हेलीकॉप्टर से महोबा पहुंच गए. वहां पहुंचकर डायरेक्टर ने जिलाधिकारी से तत्काल प्रभाव से लाइट डेकोरेशन बंद करने को कहा. उनका कहना था कि इससे मंदिर को और ज्यादा नुकसान पहुंचेगा.

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इसके बाद जहां डीएम ने मंदिर में सुरक्षाबल तैनात कर दिया. वहीं, ASI डायरेक्टर ने मंदिर में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी. वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि डीएम ने कहा है कि 4-5 दिनों में यह कार्य फिर से शुरू होगा.

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