यूपी में दुकानों पर नेम प्‍लेट की तैयारी, CM योगी बोले - खान-पान की चीजों में मिलावट पर होगी कठोर कार्रवाई

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि खान-पान की चीजों में मानव अपशिष्ट या अन्‍य गंदी चीजें मिलने पर कड़ी सजा का प्रावधान होगा. इसके लिए जल्‍द ही कठोर कानून आएगा. 

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मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ. (फाइल फोटो)
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government)  एक बार फिर खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्‍लेट लगवाने जा रही है. इसके लिए नया कानून लाया जाएगा. इस कानून का क्‍या स्‍वरूप होगा? इस पर चर्चा के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को बैठक बुलाई. मुख्यमंत्री के घर पर करीब डेढ़ तक बैठक हुई, जिसमें गृह विभाग, न्याय विभाग और खाद्य सुरक्षा संसदीय कार्य विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारी शामिल हुए. 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से हाल ही में दिनों में कुछ वीडियो वायरल हुए थे. कहीं पर जूस में पेशाब मिलाते हुए वीडियो सामने आया था तो कहीं पर थूक लगाकर रोटी बनाते वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद ही योगी सरकार ने इससे निपटने के लिए कानून बनाने का फैसला किया है. बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं. 

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि खान-पान की चीजों में मानव अपशिष्ट या अन्‍य गंदी चीजें मिलने पर कड़ी सजा का प्रावधान होगा. इसके लिए जल्‍द ही कठोर कानून आएगा. 

मुख्‍यमंत्री ने बैठक में दिए निर्देश 

  • मुख्‍यमंत्री ने बैठक में कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं. ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. ऐसे प्रयासों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. 
  • खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने के लिए  कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक है. होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी इन गतिविधियों के संबंध में कानून तैयार करें. कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कारावास और अर्थदंड की सजा होनी चाहिए. ऐसे अपराध को संज्ञेय और अजमानतीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए. 
  • अपनी पहचान छुपा कर असामाजिक तत्वों को खान-पान की वस्तुओं और पेय पदार्थ में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट में रोकने की एक भी गतिविधि न हो. इसे कानून के माध्यम से सुनिश्चित करना होगा. ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर कठोरता से लगाम होनी चाहिए. 
  • हर उपभोक्ता को यह अधिकार हो कि वह खाद्य और पेय पदार्थों के विक्रेता और सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके. इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य हो. खाद्य प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कार्मिकों को पहचान पत्र धारण करना अनिवार्य हो. छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कठोरतम सजा का प्रावधान होना चाहिए. 
  • हर खाद्य प्रतिष्ठान यह सुनिश्चित करे कि उसके प्रतिष्‍ठान में कोई भी भोजन दूषित न हो. खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर और भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य हो, जिसकी कम से कम एक महीने की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जाए. 
  • रसोईघर में भोजन पकाते समय और प्रतिष्ठान में उसे परोसते समय सिर ढकना, मास्क पहनना और दस्ताने पहनना अनिवार्य होना चाहिए. खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों का विवरण संबंधित थाने को उपलब्ध कराया जाना चाहिए. 
  • यदि किसी खाद्य प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक के घुसपैठिया या अवैध विदेशी नागरिक होने की पुष्टि होती है तो इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. कानून में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया जाए. 
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