- नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों की निगरानी बढ़ा दी गई है
- उत्तर प्रदेश के सात जिलों की भारत-नेपाल सीमा पर अतिरिक्त पुलिस और सशस्त्र बल तैनात किए गए हैं
- बलरामपुर जिले में लगभग पचासी किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर एसएसबी और पुलिस जवान लगातार गश्त कर रहे हैं
नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच जेलों से कथित तौर पर फरार कैदियों को भारतीय सीमा में घुसने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और पुलिस बल ने निगरानी बढ़ा दी है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
नेपाल की सीमा उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों से लगती है. बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने बताया कि एसएसबी और पुलिस के अतिरिक्त 400 पीएससी जवानों को तैनात किया गया है.
कुमार ने बताया कि बलरामपुर जिले का करीब 85 किलोमीटर का क्षेत्र भारत-नेपाल खुली हुई सीमा से सटा है. उन्होंने बताया कि नेपाल के ज्यादातर नागरिक इन जंगल की पगडंडियों के रास्ते भारत में प्रवेश करते हैं और इस तरह से घुसपैठ को रोकने के लिए एसएसबी और पुलिस के जवान लगातार गश्त कर रहे है.
कुमार ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा से लगे बहराइच और सिद्धार्थ नगर जिलों में नेपाल की जेलों से फरार हुए कैदियों की गिरफ्तारी को देखते हुए एसएसबी, पीएसी और पुलिस के जवान सीमा से सटे जंगली क्षेत्रों में लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं.
उन्होंने बताया कि भारत-नेपाल सीमा से सटे जिले के पांच थानों और एसएसबी की 22 चौकियों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है तथा किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है. पुलिस के मुताबिक, नेपाल की बांके जेल से भागे छह कैदियों को एसएसबी ने बृहस्पतिवार को बहराइच के रुपईडीहा सीमा पर पकड़ लिया था.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार कैदियों में से चार की पहचान भारतीय नागरिकों के रूप में हुई है और उन्हें नेपाल पुलिस को सौंप दिया गया है जबकि शेष दो कैदियों की पहचान की पुष्टि की जा रही है.