सेना की वर्दी में घर पहुंची बेटी, खुश होकर परिवार ने निकाला गांव में जुलूस, सच जान पैरों तले जमीन खिसकी

UP NEWS: महराजगंज जिले से जालसाजी और धोखे का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, तो पूरे गांव के होश उड़ गए.

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  • महराजगंज जिले के गांव डोमा कांती में सेना में नौकरी दिलाने का फर्जी मामला सामने आया है
  • नगमा नाम की एक एनसीसी कैडेट को जालसाजों ने फर्जी भर्ती प्रक्रिया कराकर सेना की वर्दी भी प्रदान की थी
  • आरोपी धीरज कुमार ने नगमा को झांसे में लेकर फर्जी दौड़, मेडिकल जांच और राजस्थान के पुष्कर तक ले जाया था
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महराजगंज:

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से जालसाजी और धोखे का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देकर जालसाजों ने एक एनसीसी कैडेट को न केवल फर्जी भर्ती प्रक्रिया पूरी करवाई, बल्कि उसे सेना की वर्दी भी दे दी. बेटी को सेना की वर्दी में देखकर परिजनों और ग्रामीणों ने तिरंगे के साथ जुलूस निकाला और जमकर खुशियां मनाईं, लेकिन दो दिन बाद ही जब पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, तो पूरे गांव के होश उड़ गए.

फायरिंग ट्रेनिंग के दौरान हुई मुलाकात

यह पूरा मामला महराजगंज जिले के निचलौल थाना क्षेत्र के गांव डोमा कांती का है. गांव की रहने वाली नगमा (पीड़ित कैडेट) ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह डोमा खंड कृषक इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा और एनसीसी कैडेट है.

10 अगस्त को वह मठलार सलेमपुर एनसीसी में फायरिंग की ट्रेनिंग के लिए गई थी. वहां उनकी मुलाकात धीरज कुमार नाम के एक शख्स से हुई, जिसने उन्हें सेना में नौकरी दिलाने का लालच देकर झांसे में ले लिया. 

फर्जी दौड़, मेडिकल और राजस्थान तक का सफर

ट्रेनिंग से लौटने के बाद, धीरज ने 23 सितंबर को नगमा को फ़ोन करके गोरखपुर बुलाया. अगले दिन, 24 सितंबर को गोरखपुर बस स्टेशन पर धीरज ने नगमा को सेना की वर्दी दी.

अगले चरण में जालसाजों ने पूरा ड्रामा रचा

25 सितंबर को धीरज नगमा को एक फील्ड में ले गया, जहां पहले से पांच लड़कियां और छह लड़के मौजूद थे. उन सभी को वहां फर्जी ट्रेनिंग (दौड़) कराई गई. इसके बाद मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में ब्लड जांच कराई गई. जांच के बाद सभी को बस से राजस्थान के पुष्कर ले जाया गया. पुष्कर में धीरज ने नगमा की मुलाकात अंगद मिश्रा नामक व्यक्ति से कराई, जिसे सेना का 'सीओ' बताया गया.धीरज ने कैडेट से कहा कि नौकरी देना इन्हीं के हाथ में है.

ज्वाइनिंग लेटर के लिए मांगी गई ₹2.70 लाख की डिमांड

'सीओ' अंगद मिश्रा से मुलाकात कराने के बाद धीरज ने कैडेट नगमा को बताया कि ₹2.70 लाख रुपये देने के बाद उन्हें मार्च में जॉइनिंग लेटर दिया जाएगा. इसके बाद नगमा को वर्दी देकर घर भेज दिया गया. नगमा के सेना की वर्दी में घर पहुंचते ही परिजनों और ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने तुरंत नगमा को वाहन में खड़ा कर तिरंगा के साथ जुलूस निकाला और यह मान लिया कि बेटी की सेना में नौकरी लग गई है.

पुलिस जांच से खुली सच्चाई

दो दिन बाद जब पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में जांच शुरू की, तो जालसाजी की पूरी सच्चाई सामने आ गई. पुलिस के मुताबिक, यह एक अंतर-राज्यीय गिरोह हो सकता है, जो भोले-भाले युवाओं को सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी कर रहा था. फिलहाल, पुलिस ने पीड़ित कैडेट नगमा की तहरीर पर आरोपी धीरज कुमार और अंगद मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की गहन जांच में जुटी हुई है. पुलिस अधिकारियों ने कैमरे पर कुछ कहने से परहेज किया है.

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