उत्तर प्रदेश के महोबा जिला अस्पताल में विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से एक वृद्ध मरीज की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीज की मौत होने से परिवार में खासा आक्रोश है. वहीं, विद्युत आपूर्ति बाधित होने के चलते अस्पताल के आईसीयू वार्ड सहित अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों को खासी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा है. कई मरीज आईसीयू वार्ड छोड़कर भाग गए. जबकि ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण मरीज की मौत को लेकर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
जानकारी अनुसार शहर के भटीपुरा में रहने वाले 90 वर्षीय रामसेवक को बीमारी के चलते कल जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था. बीमार रामसेवक को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, इस कारण डॉक्टरों द्वारा उसे मशीन से ऑक्सीजन दिया जा रहा था. आरोप है कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण ऑक्सीजन मशीन बंद हो गई. परिवार के सदस्यों ने स्टाफ नर्स से मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने की मांग की लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
तक़रीबन डेढ़ घंटे से अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहने से मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिल पाया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई. जबकि आईसीयू वार्ड में विद्युत आपूर्ति रखने के लिए एक जरनेटर भी लगा हुआ है लेकिन उक्त जनरेटर में डीजल ना होने के कारण विद्युत आपूर्ति शुरू नहीं की गई.
मृतक के परिजनों का आरोप है जब उनके द्वारा जरनेटर संचालक से जरनेटर शुरू करने की मांग की गई तो बताया गया कि डीजल ही नहीं है, जिस कारण जरनेटर शुरू नहीं किया जा सकता. पूरे मामले में परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण ही उनके मरीज की मौत हुई है. जबकि इस मामले को लेकर आईसीयू वार्ड प्रभारी डॉ. राजेश भट्ट बताते हैं कि मरीज की हालत बेहद गंभीर थी, जिसे रेफर भी किया गया था. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या अस्पताल की विद्युत आपूर्ति बाधित है तो वह गोलमोल जवाब देते नजर आए.
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