यूपी में बकाया बिजली बिल पर बड़ा ऑफर, 100 फीसदी छूट का मौका दे रही सरकार, फटाफट कर लें ये काम

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने नेवर पेड (जिन्होंने कभी भुगतान नहीं किया) और लॉन्ग अनपेड (लंबे समय से बकाया) उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. यह योजना 1 दिसंबर 2025 से लागू हुई है और 28 फरवरी 2026 तक चलेगी.

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पुराने बिजली बिल के बोझ से जूझ रहे उपभोक्ताओं के लिए योगी सरकार ने बिजली बिल राहत योजना 2025–26 शुरू करने का फैसला किया है. इस योजना का उद्देश्य उन घरेलू और छोटे व्यावसायिक उपभोक्ताओं को राहत देना है, जिन पर लंबे समय से बिजली बिल बकाया है और जो आर्थिक कारणों से भुगतान नहीं कर पा रहे थे. सरकार का दावा है कि इस योजना से लाखों उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिलेगा.

UPPCL ने लॉन्च की राहत योजना

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने नेवर पेड (जिन्होंने कभी भुगतान नहीं किया) और लॉन्ग अनपेड (लंबे समय से बकाया) उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है. यह योजना 1 दिसंबर 2025 से लागू हुई है और 28 फरवरी 2026 तक चलेगी. इस दौरान उपभोक्ताओं को तीन चरणों में रजिस्ट्रेशन का मौका मिल रहा है. रजिस्ट्रेशन के समय उपभोक्ता को ₹2000 की राशि जमा करनी है और उसी समय यह तय करना होगा कि वह बकाया राशि एकमुश्त भुगतान करेगा या फिर ₹750 या ₹500 की मासिक किस्तों में बिल चुकाएगा.

सरकार की ओर से सबसे बड़ी राहत ब्याज, पेनल्टी और सरचार्ज पर 100% तक की छूट के रूप में दी जा रही है. 

रजिस्ट्रेशन और पेमेंट के तीन ऑप्शन

योजना का लाभ लेने के लिए ₹2,000 की पंजीकरण राशि जमा करनी होगी. इसके बाद आप अपनी सुविधा अनुसार तीन ऑप्शन में से एक चुन सकते हैं:

रजिस्ट्रेशन के तीन ऑप्शन31 मार्च 2025 तक के बिजली बिल के मूल पर छूट
ऑप्शन 1 (एकमुश्त भुगतान)रजिस्ट्रेशन के 30 दिनों के भीतर पूरा बकाया चुकाने पर मूल बकाए में 25% की छूट मिलेगी.
ऑप्शन 2 (₹750 की किश्त)मूल बकाये पर 20% की अतिरिक्त छूट दी जाएगी.
ऑप्शन 3 (₹500 की किश्त)मूल बकाये पर 15% की अतिरिक्त छूट मिलेगी.

सिर्फ इन लोगों को मिलेगा लाभ

इस योजना का लाभ घरेलू उपभोक्ताओं (2 किलोवाट तक) और छोटे व्यावसायिक उपभोक्ताओं (1 किलोवाट तक) को मिलेगा. इस योजना का फायदा वही उपभोक्ता उठा पाएंगे, जिन पर 31 मार्च 2025 तक बिजली बिल बकाया है. जिनका कनेक्शन स्थायी रूप से काट दिया गया है या जिनका बकाया इसके बाद का है, वे इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे.

इन बातों का रखें खास ख्याल

अगर उपभोक्ता तय समय में भुगतान नहीं करता है तो उसे मिलने वाली छूट कम हो जाएगी. बार-बार देरी की स्थिति में उपभोक्ता को डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है, जिससे योजना का लाभ पूरी तरह खत्म हो सकता है. किस्तों में भुगतान करने वालों के लिए भी यही शर्त लागू होगी कि हर किस्त समय पर जमा करनी होगी.

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सरकार का मानना है कि इस योजना से एक ओर उपभोक्ताओं को पुराने बकाया से राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनियों को लंबे समय से फंसे राजस्व की वसूली में मदद मिलेगी. खासतौर पर मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए यह योजना बिजली बिल के बोझ से निकलने का बड़ा मौका मानी जा रही है.

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'ओवर बिल' (भारी बिल) सुधार की विशेष सुविधा

जिन उपभोक्ताओं के बिल उनकी लोड क्षमता से बहुत ज्यादा आ रहे हैं, उनके लिए 'Over Bill Outlier' व्यवस्था लागू की गई है. ऐसे उपभोक्ताओं का बिल 144 यूनिट प्रति किलोवाट प्रति माह की मानक खपत (Normative Consumption) के आधार पर ऑटोमैटिक कम कर दिया जाएगा.

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उदाहरण के तौर पर समझें तो अगर ग्रामीण क्षेत्र के 1 किलोवाट वाले उपभोक्ता का मासिक औसत बिल ₹650 से ज्यादा है, तो सिस्टम उसे घटाकर ₹650 प्रति माह के हिसाब से दोबारा बनाएगा. यह संशोधन तभी मान्य होगा जब उपभोक्ता योजना की शर्तों के अनुसार भुगतान पूरा करेगा. यदि वह भुगतान नहीं करता है, तो बिल संशोधन निरस्त कर दिया जाएगा.

किश्त चुकाने के नियम और 'डिफाल्टर' होने की शर्तें

किश्त वाले उपभोक्ताओं को हर महीने की 25 तारीख तक किश्त और उस महीने का वर्तमान बिल जमा करना होगा. यदि किसी महीने बिल प्राप्त नहीं होता है, तो ग्रामीण उपभोक्ताओं को ₹300-600 और शहरी उपभोक्ताओं को ₹400-900 का प्रोविजनल बिल जमा करना होगा.

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अगर किश्त चूकी तो?

जुर्माने के तौर पर एक बार किश्त चूकने पर ₹50, दो बार पर ₹150 और तीन बार लगातार चूकने पर ₹300 का अतिरिक्त शुल्क देना होगा. लगातार 4 महीने तक भुगतान न करने पर उपभोक्ता 'पूर्णतः डिफाल्टर' घोषित कर दिया जाएगा और उसे दी गई सभी छूट वापस ले ली जाएगी.

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