उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में लगी आग की घटना को लेकर जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है. जिसके बाद इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक्शन भी शुरू हो गया है. झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत के बाद यूपी सरकार ने रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की है. जांच रिपोर्ट के आधार पर महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी के प्रिंसिपल को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय, लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है. मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षका को तत्काल निलंबित करते हुए आरोप पत्र दिया गया है.
किस-किस पर गिरी गाज
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी के सह-आचार्य रेडियो थेरेपी विभाग व मुख्य चिकित्सा अधिक्षक को आरोप पत्र दिया गया है. एन०आई०सी०यू० वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज को निलंबित कर आरोप पत्र दिया गया है. आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, बालरोग विभाग और सह - आचार्य सर्जरी विभाग एवं प्रभारी अधिकारी, विद्युत महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी को आरोप पत्र देकर मंडलायुक्त झांसी को जांच अधिकारी बनाया गया है. महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी के अवर अभियंता को भी निलंबित किया गया है.
क्षमता से अधिक बच्चों को किया गया था भर्ती
रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे किए गए हैं. जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस आईसीयू वार्ड में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई थी, वहां क्षमता से कहीं ज्यादा बच्चों को भर्ती किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में 18 बच्चों को ही एडमिट करने की क्षमता थी लेकिन 15 नंवबर के दिन इस वार्ड में कुल 49 बच्चों का इलाज चल रहा था. इस रिपोर्ट में कई और बड़े खुलासे हुए हैं. इस घटना के सामने आने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले की जांज के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था. इसके लिए डॉयरेक्टर जनरल स्वास्थ्य और चिकिस्ता शिक्षा (हेल्थ एजुकेशन) के नेतृत्व में चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी. इसी कमेटी ने अब अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने क्या बताया
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई ह्रदय विदायक घटना को लेकर सरकार बेहद संवेदनशील है. पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक जांच कमेटी का गठन किया गया था. जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य को पद से हटा दिया गया है. उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है. साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर को आरोप पत्र दिया गया है. वहीं, कॉलेज के अवर अभियन्ता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज संध्या राय एवं मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को तत्काल निलम्बित करते हुए आरोप पत्र दिया गया.