हर रोज 5 मुठभेड़, राजनीति भी खूब.. यूपी में एनकाउंटर के कहानी की इनसाइड स्टोरी

UP News: उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर पर खूब राजनीति होती रही है. हालांकि, पिछले 8 साल में योगी सरकार में अपराधियों के खिलाफ पुलिस को खुली छूट मिली हुई है.

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यूपी काउंटर पर राजनीति
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  • यूपी में अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब होती है राजनीति
  • उत्तर प्रदेश में आंकड़ों के अनुसार 2017 से अबतक कुल 15,725 एनकाउंटर हुए
  • समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एनकाउंटर पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं
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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में हुए लगातार एनकाउंटर अपराधियों के लिए बड़ी चेतावनी है. पिछले कुछ समय से राज्य में पुलिस मुठभेड़ में तेजी आई है. हालांकि, राज्य में एनकाउंटर का मसला हमेशा से विवादों में रहा है. इसको लेकर राज्य में खूब राजनीति भी हो रही है. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में कितने एनकाउंटर हुए हैं. 

यूपी पुलिस की सख्ती

उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ पुलिस सख्ती से निपटती है. ये किसी से छिपी हुई बात नहीं है. पिछले 8 साल में कुल 15 हजार एनकाउंटर हुए हैं. आलम ये है कि यूपी पुलिस के डर से अपराधी थर्र-थर्र कांपते हैं. आज यूपी में अपराधी अपराध करने के बाद जान बचाते फिरते हैं। 

राज्य में अपराधियों की शामत!

खास बात ये है कि कभी यूपी में अपहरण और हत्या आम बात हुई करती थी. राज्य में अपराधियों का इक़बाल बुलंद हुआ करता था, उस राज्य में बीते आठ सालों में 15 हजार से ज्यादा एनकाउंटर्स हुए हैं. इन एनकाउंटर में 10 हजार अपराधी घायल हुए, 32 हजार अपराधी गिरफ्तार हुए. 250 से ज्याददा अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया. ये आंकड़े बता रहे हैं कि आख़िर क्यों यूपी में कैसे अपराध कम हुए.

20 मार्च 2017 से 13 अक्टूबर 2025 तक के एनकाउंटर्स के इन आंकड़ों पर नज़र डाल लीजिए.


॰ उत्तर प्रदेश में साल 2017 से अब तक कुल 15,725 एनकाउंटर हुए 

॰ कुल 10,324 अपराधी एनकाउंटर में घायल हुए 

॰ कुल 31,960 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया 

॰ 256 अपराधी पुलिस कार्रवाई में ढेर हुए 

॰ अपराध के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस को भी बड़ा नुकसान हुआ 

॰ इन आठ सालों में 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए 

॰ पुलिस के 1754 जवान अपराधियों की गोली से घायल हो गए 

॰ सबसे ज्यादा 4453 एनकाउंटर्स मेरठ जोन में हुए 

॰ मेरठ ज़ोन में 85 अपराधी मारे गए 

॰ अगर औसत लगाएं तो 20 मार्च 2017 से 13 अक्टूबर 2025 के बीच कुल 3130 दिन हुए 

॰ कुल एनकाउंटर्स यानी 15,725 को कुल दिनों में भाग देने पर औसत 5 से ज्यादा एनकाउंटर प्रति दिन हुए हैं 

अमिताभ यश ने संभाल रखा है मोर्चा

यूपी एसटीएफ के मुखिया अमिताभ यश ऐसे खूंखार अपराधियों को उसके अंजाम तक पहुंचाते हैं. अमिताभ यश सीएम योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं. यूपी एसटीएफ के मुखिया होने के साथ साथ अमिताभ यश यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हैं. 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य यूपी में अपराध रोकने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि अगर कोई अपराधी पुलिस को चुनौती दे तो पुलिस उसे उसी की भाषा में जवाब देने में कोई कोताही ना करें.

अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

उधर, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान के जवाब में अखिलेश यादव सवाल करते हैं कि अगर एनकाउंटर से अपराध खत्म होते तो रोज-रोज़ अपराध की घटनाएं क्यों सामने आतीं? जाहिर है एनकाउंटर पर सवाल गाहे-बगाहे उठते रहे हैं. 

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पुलिस और अपराधी के बीच होने वाले एनकाउंटर्स भले अपराध से जुड़े मामले हों लेकिन यूपी में एनकाउंटर्स को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है. सत्ता पक्ष जहां एनकाउंटर्स को ज़रूरी बता रहा तो वहीं विपक्ष इस पर लगातार सवाल खड़े कर रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ एनकाउंटर्स के ज़रिए अपनी छवि मज़बूत करते दिखाई दे रहे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि क्या साल 2027 में कानून व्यवस्था के नाम पर यूपी का चुनाव होगा या समाजवादी पार्टी का पीडीए कानून व्यवस्था को कड़ी चुनौती देगा.

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