कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के चलते अब ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी महानगर ही नहीं यूपी के छोटे शहरों तक में देखी जा रही है. ऑक्सीजन को लेकर सरकारों ने लापरवाही बरती है. दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद नहीं बल्कि यूपी के बहराइच जिले में भी ऑक्सीजन की किल्लत है. यहां शुक्रवार को रात में अचानक ऑक्सीजन खत्म होने से एक निजी अस्पताल में हड़कंप मच गया. मरीजों के तीमारदारों मे CMO के घर पर धरना दे दिया क्योंकि ऑक्सीजन प्लांटों पर प्रशासन का कड़ा पहरा है. हंगामे के बाद किसी तरह ऑक्सीजन की व्यवस्था हुई.
इसी तरह के हालात गाजियाबाद से दिल्ली तक के बने हुए हैं. लोग मरीजों को लेकर ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ज्यादातर ऑक्सीजन प्लांटों पर पुलिस का पहरा है. बिना प्रशासन की इजाजत के ऑक्सीजन सप्लाई मुश्किल हो रही है. यूपी सरकार ने ऑक्सीजन के लिए कंट्रोल रूम बनाया है लेकिन ऑक्सीजन की खपत ज्यादा और उत्पादन कम होने से हालात खराब होते जा रहे हैं.
ऑक्सीजन की कमी के पीछे सरकारों की खुद की लापरवाही भी कम नहीं है. नोएडा के बड़े तीन सौ बेड के अस्पताल में भी ऑक्सीजन की कमी की जब तब शिकायत आती है. यहां बीते छह साल से ऑक्सीजन का प्लांट लगा है लेकिन NOC न होने के चलते वह बंद पड़ा है. 17 लाख की लागत से बने इस ऑक्सीजन प्लांट को शुरू नहीं किया गया, जबकि सवा साल से कोरोना संक्रमण चल रहा है. प्रशासन की तरफ से जानलेवा लापरवाही की गई है.
नोएडा ही नहीं यूपी के ही गोंडा का ये कोविड अस्पताल है. खुद मुख्यमंत्री ने इसका उदघाटन किया...टाटा और बिल गेट्स फाउडेंशन की तरफ से 200 करोड़ के अत्याआधुनिक उपकरण लगाए गए लेकिन वेंटीलेटर चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं रखा. अब जब हो हल्ला मचा तब आनन फानन में तकनीशियन की भर्ती निकाली जा रही है. यही वजह है कि कोरोना की इस आपदा ने हमारे सिस्टम की लापरवाहियों की पोल खोल दी है.