कांग्रेस ने बुकलेट में लिखा-मायावती करोड़ों में टिकट बेचती हैं, नाराज बसपा प्रमुख ने दिया यह जवाब...

कांग्रेस ने एक बुकलेट जारी की है जिसमें लिखा है कि मायावती अटैची में करोड़ो रुपये लेकर  पार्टी का टिकट बेचती हैं. यही नहीं, कोई और ज्‍यादा दौलत दे तो पहले का टिकट काटकर दूसरे को दे दिया जाता है. वे नोटों की माला पहनती थीं जिसमें 18 से 21 करोड़ तक के नोट लगते थे. मायावती इससे बेहद नाराज हैं.

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कांग्रेस पार्टी की बुकलेट में जो लिखा गया है, उससे बीएसपी सुप्रीमो मायावती बेहद नाराज हैं (फाइल फोटो)
लखनऊ:

UP: उत्‍तर प्रदेश  (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव  (UP Assembly polls 2022)  के पहले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) में ठन गई है. दरअसल, कांग्रेस ने एक बुकलेट जारी की है जिसमें लिखा है कि मायावती अटैची में करोड़ो रुपये लेकर  पार्टी का टिकट बेचती हैं. यही नहीं, कोई और ज्‍यादा दौलत दे तो पहले का टिकट काटकर दूसरे को दे दिया जाता है. वे नोटों की माला पहनती थीं जिसमें 18 से 21 करोड़ तक के नोट लगते थे. मायावती इससे बेहद नाराज हैं. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस की तो ऐसी बुरी हालत है कि वह अपनी रैलियों में किराये पर दिहाड़ी मजदूर लाती है. 

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मायावती ने 15 मार्च 2010 में नोटों की माला पहनी  थी, जिसकी तस्‍वीर लंबे अरसे तक सियासी बहस का हिस्‍सा रही. भारत ही नहीं, दुनिया के तमाम देशों में इस खबर ने सुर्खियां बटोरी थी लेकिन अब साल बाद कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया है.  कांग्रेस (Congress) की बुकलेट में लिखा है-'मायावती दलित नहीं दौलत की बेटी. अटैची में करोड़ों रुपये लेकर पार्टी टिकट बेचती हैं. असेंबली का टिकट दो से 10 करोड़ तक में बेचा जाता है. महंगे टिकट की वजह से डेढ़ दर्जन नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है. किसी टिकट का ज्‍यादा दाम मिल जाए तो पहले का टिकट काटकर दूसरे को दे दिया जाता है. इंजीनियर मनोज गुप्‍ता ने मायावती के जन्‍मदिन का चंदा नहीं दिया, इससे नाराज बीएसपी एमएलए शेखर तिवारी ने इंजीनियर की हत्‍या कर दी. मायावती को फूलों की नही, नोटों की माला पहनने का शौक है. 

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इससे नाराज मायावती भी पलटवार करने से नहीं चूकीं. उन्‍होंने कहा कि बेहतर होता कि कांग्रेस दूसरों के गिरेबान में झांकने के बजाय अपने गिरेबान में झांकती. टिकट बेचने के आरोप पर बसपा प्रमुख ने कहा कि टिकट बेचा नहीं जाता, यह पैसा गरीब उम्‍मीदवारों की मदद के लिए एकत्र किया जाता है. बसपा अध्‍यक्ष मायावती ने कहा, 'हमारी पार्टी को मजबूरी में पार्टी के ऐसे उम्‍मीदवारों से चुनाव लड़ने के लिए उनसे एडवांस  में ही पैसा भी जमा कराना पड़ता है. फिर उसी पैसे को उनके चुनाव पर ही पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा खर्च कर दिया जाता है. ' गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी, विधानसभा चुनाव से पहले अपने कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग कर रही है, यह किताब उसी का हिस्‍सा है. इस किताब का नाम है-किसने बिगाड़ा उत्‍तर प्रदेश? पुस्‍तक के कवर पेज पर सीएम योगी, बीएसपी अध्‍यक्ष मायावती और समाजवादी पार्टी अध्‍यक्ष अखिलेश यादव की तस्‍वीरें हैं जो इसके लिए एक-दूसरे की तरफ इशारा कर रहे हैं.  मायावती को नाराज करने वाली एक तस्‍वीर भी है जिसमें वे हाथी पर बैठीं बीजेपी का झंडा लहरा रही हैं.  यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष अजय कुमार लल्‍लू कहते हैं, 'मैं समझता हूं कि बहनजी एक सम्‍मानित नेता हैं लेकिन जो यूपी की हालत है, उसकी जिम्‍मेदार यही सरकारें है. गैर कांग्रेस सरकारों ने यूपी का बेड़ा गर्क किया है. चीनी मिले जो यूपी में बड़े पैमानें पर थी उनको किसने बेचा? '

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