नवरात्रि पर मीट शॉप बंद करने को लेकर गाजियाबाद समेत इन जिलों से यूपी प्रशासन ने मांगी सफाई

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि मांस की दुकानें बंद करने का सरकार की तरफ से कोई आदेश जारी नहीं किया गया

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प्रतीकात्मक फोटो.
लखनऊ:

नवरात्रि के दौरान उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में मांस की दुकानें बंद किए जाने की खबरों के बीच प्रदेश सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने कहा कि 'सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. जिन जिलों से ऐसी खबरें आ रही हैं, उनसे पूछें कि ये आदेश कहां से आए हैं.' सहगल से पूछा गया था कि विभिन्न जिलों से रिपोर्ट आ रही हैं कि नवरात्रि पर मांस की दुकानों को बंद करने के लिए कहा जा रहा है.

गौरतलब है कि अलीगढ़ में जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह ने दो अप्रैल को जिला पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों में ''नवरात्रि पर्व के दौरान'' सभी मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है. इस क्षेत्र में अनुमानित सौ दुकानें मांस की हैं. यह आदेश अलीगढ़ शहर की दुकानों पर लागू नहीं होता है.

पत्रकारों को दिए गए एक बयान में विजय सिंह ने कहा कि जो दुकानदार इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे.

गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा ने शनिवार को कहा था कि नवरात्रि के दौरान खुले में मांस की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी. उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' से कहा था, 'नवरात्रि के दौरान खुले में मांस की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. विक्रेता मांस को ढंककर बेच सकेंगे, मगर मंदिरों के पास और उन गलियों में भी मांस की बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी जहां मंदिर बने हैं. हम यहां किसी को लाभ या नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं हैं. ये नियम हर साल लागू होते हैं.'

बाद में गाजियाबाद के जिलाधिकारी आरके सिंह ने कहा था कि सिर्फ लाइसेंसी मांस विक्रेता ही सरकारी नियमों का पालन करते दुकानों में मांस बेच सकेंगे.

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