- सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी खदान में पत्थर गिरने से 15 मजदूर मलबे में फंस गए, जिनमें से एक की मौत हो गई है.
- राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बल की टीमों दबे मजदूरों को निकालने का प्रयास कर रही है.
- माना जा रहा है कि हादसा ब्लास्टिंग के दौरान पहाड़ी दरकने से हुआ, जिससे खदान का एक हिस्सा ढह गया.
सोनभद्र जिले के ओबरा थाना क्षेत्र के एक खनन क्षेत्र में शनिवार शाम को खदान धंसने की घटना के बाद एक मजदूर का शव बरामद किया गया है. लगभग 15 मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पीयूष मोर्डिया ने बताया कि बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में पहाड़ी से गिरे मलबे को हटाने का कार्य शनिवार रात से ही लगातार जारी है. उन्होंने बताया कि रविवार सुबह एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया जबकि अन्य की तलाश जारी है. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान ग्राम पनारी (सोनभद्र) निवासी राजू सिंह (30) के रूप में हुई है.
एडीजी ने बताया कि चूंकि पहाड़ी से गिरे पत्थर काफी बड़े हैं, इसलिए सावधानीपूर्वक कार्य किया जा रहा है और इसके कारण राहत कार्य में भी समय लग रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त उपकरण एवं संसाधन उपलब्ध हैं तथा पूरा प्रशासन राहत कार्य में जुटा है. इससे पहले शनिवार शाम को जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि कृष्णा माइंस में एक हिस्सा ढह जाने से वहां कार्यरत कुछ मजदूर मलबे में दब गए हैं. उन्होंने कहा कि मशीनों की मदद से मलबा हटाकर दबे हुए लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम भी बचाव कार्य में जुटी है. जिलाधिकारी ने कहा कि मलबे में कितने लोग दबे हैं इसकी सटीक संख्या का फिलहाल पता नहीं लग सका है.
इस बीच, अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा करने के बाद उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री और स्थानीय विधायक संजीव कुमार गोंड ने कहा कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ढही हुई पत्थर की खदान के मलबे में ‘‘करीब 15 मजदूरों'' के दबे होने की आशंका है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फंसे हुए मजदूरों की सही संख्या अभी स्पष्ट नहीं है.













