सीतापुर में तीन दिन में तीन गोलीकांड से दहशत का माहौल, पत्रकार से लेकर पूर्व प्रधान तक पर हुआ हमला

सीतापुर में शनिवार को पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या के लगभग 60 घंटे हो गए लेकिन पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. कार्रवाई के नाम पर महोली थाने के थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया गया है.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
सीतापुर:

यूपी के सीतापुर में 72 घंटे में तीन गोलीकांड की घटनाएं सामने आई हैं. पहली घटना शनिवार को इमलिया सुल्तानपुर क्षेत्र में हुई जहां महोली निवासी एक पत्रकार पर ताबड़तोड़ गोलियों से हमला किया गया जिसमें पत्रकार की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना में सोमवार की शाम को चुनावी रंजिश के चलते एक पूर्व प्रधान पर कई राउंड फायरिंग की गई जिसमें प्रधान को पांच गोली लगीं थी. गंभीर अवस्था में पूर्व प्रधान को लखनऊ रेफर किया गया. तीसरी घटना नगर कोतवाली क्षेत्र के सदर क्षेत्र में आपसी विवाद के चलते दो पक्षों में मारपीट हो गई जिसके बाद गोली चल गई. वहीं एक व्यक्ति घायल हो गया जिसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सीतापुर में शनिवार को पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या के लगभग 60 घंटे हो गए लेकिन पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. कार्रवाई के नाम पर महोली थाने के थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया गया है. साथ ही एक दरोगा और तीन सिपाहियों को सस्पेंड किया गया. हालांकि हत्यारों तक अब तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके हैं.  

अभी पुलिस पत्रकार की हत्या में कुछ कर नहीं पाई थी, तभी अपराधियों ने पुलिस को दूसरी चुनौती तब दी जब एक पूर्व प्रधान पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई. इस हमले में पूर्व प्रधान गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया गया है. 

इन दो घटनाओं के बाद कोतवाली थाना क्षेत्र में एक और वारदात हुई कब आपसी रंजिश में दो पक्षों में विवाद के बीच फायरिंग की घटना घाट गई. इस घटना में भी एक व्यक्ति गोली लगने से घायल हुआ है. लगातार गोलीकांड की तीन घटनाओं के बाद अब सीतापुर की पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे है. अब पुलिस के हाथ 60 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई भी सुराग पत्रकार के मामले में हाथ नहीं आया है. वही सोमवार के दिन गोली कांड की दो ताबड़तोड़ वारदातों ने पुलिस के इकबाल को चुनौती दे दी है. (मोहम्मद समीर का इनपुट)

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