उत्तर प्रदेश के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आज पहली बार फ्लाइट की लैंडिंग हुई. जेवर एयरपोर्ट पर फ्लाइट का लैंड होना उन लोगों के लिए खुशखबरी है, जिन्हें हवाई यात्रा करने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाना पड़ता था. अब से कुछ ही महीनों में नोएडा और आसपास के लोगों को हवाई सफर करने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा. जेवर एयरपोर्ट से ही लोग देश और विदेश की यात्रा कर सकेंगे. एयरपोर्ट पर सुरक्षा से जुड़े सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं. पहली लैंडिंग के साथ जेवर एयरपोर्ट कॉमर्शियल सेवाओं के लिए तैयार हो गया है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानि डीजीसीए ने सभी सुरक्षा जांच के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान की पहली लैंडिंग की इजाजत दे दी थी. जिसके बाद DGCA ने इस एयरपोर्ट का परीक्षण किया था. अब हरी झंडी मिलने के बाद आज पहले विमान की लैंडिंग हुई.
दिल्ली से 10 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंचा विमान
विमान दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद 10 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंचा. जेवर एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले विमान आसमान में ही 1.5 से 2 घंटे तक चक्कर लगाया. जेवर एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले विमान के पायलट और ATC के बीच बारीकी से ध्यान रखा गया. सभी तरह की सुरक्षा जांच के बाद हरी झंडी मिलने पर विमान रनवे पर विमान ने लैंड किया. आज का ट्रायल सफल हो चुका है. ऐसे में अब पूरी संभावना है कि अप्रैल से जेवर एयरपोर्ट को कॉमर्शियल उड़ानों के लिए खोल दिया जाएगा.
- 90 मिनट तक नोएडा एयरपोर्ट के पास हवा में उड़ता रहा विमान
- जेवर एयरपोर्ट पर इंडिगों विमान की पहली सफल लैंडिंग
- रनवे पर विमान को वॉटर कैनन से दी गई सलामी
- 6 फरवरी के बाद फ्लाइट्स के लिए बुकिंग हो जाएगी शुरू
- लैंडिंग के वक्त विमान में मौजूद नहीं थे पैसेंजर्स
- दुनिया के सबसे मॉर्डन एयरपोर्ट्स में से एक जेवर एयरपोर्ट
लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज से लैस जेवर एयरपोर्ट
नोएडा एयरपोर्ट को पूरी तरह डिजिटल एयरपोर्ट बनाने का काम किया जा रहा है. इसमें इनडोर नेविगेशन, पैसेंजर फ्लोर मैनेजमेंट, स्मार्टफोन से चेक इन, बैगेज ड्रॉप और सभी चेकप्वाइंट पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसे टेक्नोलॉजीज यूज की गई है. इस एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश देश का पहला 5 अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट्स वाला राज्य बन जाएगा. जिससे यात्रियों को तो फायदा होगा ही, साथ ही उत्तर प्रदेश के वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लक्ष्य को भी बल मिलेगा.
हवाई यात्रा का हब बनेगा यूपी का नोएडा
एयरपोर्ट का शिलान्यास 3 साल पहले 25 नवम्बर 2021 को किया गया था और इसे रिकॉर्ड समय में बनाने का लक्ष्य रखा गया था. नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का उत्तर प्रदेश सरकार से 40 साल के लिए कॉन्सेशन करार हुआ है, जो 1 अक्टूबर 2021 से शुरू हो चुका है. नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भारतीय संस्कृति से जुड़ी कला को दर्शाने का भी भरपूर प्रयास किया जा रहा है. जिससे अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को भारत को जानने और समझने की रुचि बढ़े.
लैंडिंग करने वाली फ्लाइट में कोई यात्री नहीं
आज लैंडिंग करने वाली फ्लाइट में कोई यात्री नहीं थे. इस दौरान विमान में सिर्फ चालक दल के सदस्य ही मौजूद. जेवर एयरपोर्ट के रनवे को काफी खास तरह से बनाया गया है. स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख एयरपोर्ट अथॉरिटी के सहयोग से बनाया गया है. जेवर एयरपोर्ट का रनवे करीब 3.9 किलोमीटर लंबा है. इसे 10 से 28 तक की संख्या दी गई है. एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ स्नेलमैन ने पहले ही कहा था कि अगर आज का ट्रायल सफल रहता है तो फिर किसी और वैलिडेशन की जरूरत नहीं होगी.