बहराइच में जंगली जानवर का आतंक, सप्‍ताह भर बाद भी खाली हाथ वन विभाग, घर से निकलने से भी डर रहे लोग

जंगली जानवर को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगातार पिंजरा लगा रही है. इसके बाद भी आदमखोर जानवर टीम को चकमा देकर फरार हो जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी केवल खानापूर्ति करने के लिए गांव में आते हैं.

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  • उत्तर प्रदेश के बहराइच में एक जंगली जानवर का सप्‍ताह भर से आतंक बना हुआ है और वन विभाग उसे पकड़ने में विफल है.
  • महसी के बहोरवा गांव में जंगली जानवर ने 3 माह की बच्ची को उठा लिया था, जिसका शव गन्ने के खेत में मिला था.
  • ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी केवल खानापूर्ति करने के लिए गांव में आते हैं.
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बहराइच:

उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के महसी एवं कैसरगंज इलाके में एक सप्ताह बाद भी आदमखोर जंगली जानवर का आतंक कम नहीं हो रहा है. एक सप्ताह से वन विभाग आदमखोर जंगली जानवर को पकड़ने में लगा है. इसके बाद भी अभी तक विभाग को सफलता नहीं मिली है. आदमखोर जंगली जानवर से पूरे इलाके में दहशत का माहौल देखने को मिल रहा है. वहीं, महसी इलाके के बहोरवा गांव में जानवर सोमवार रात तीन माह की बच्ची संध्या को उसकी मां के पास से उठा ले गया. इसके बाद बच्ची का शव गांव के बाहर सुबह गन्ने के खेत में मिला. मासूम का शव मिलने से गांव में हड़कंप मचा है.

जंगली जानवर को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगातार पिंजरा लगा रही है. पिंजरे के अंदर बकरी को रखा जा रहा है. इसके बाद भी आदमखोर जानवर टीम को चकमा देकर फरार हो जा रहा है. वन विभाग गांव के बाहर कैमरा लगाकर नजर भी रख रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी केवल खानापूर्ति करने के लिए गांव में आते हैं और फिर चले जाते हैं.

बच्‍ची को उठा ले गया था जंगली जानवर

बच्ची की मां ने बताया कि वह अपनी बच्ची को लेकर घर के बाहर बैठी थी. इसी दौरान एक जंगली जानवर आया और उसके पास से बच्ची को उठा ले गया. उन्होंने जब तक शोर मचाया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

बच्ची के पिता दिनेश ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, "वह भेड़िया जैसा दिखाई दे रहा था. मेरी पत्नी ने शोर मचाया, लेकिन, बच्ची को जानवर से बचाने में काफी देर हो गई. रातभर खोजने पर बच्ची नहीं मिली. सुबह चार बजे बच्ची का शव खेत में मिला." साथ ही उसने एक महिला को भी घायल कर दिया था. 

ग्रामीण बोले- गांव में डर का माहौल

ग्रामीण शोभित ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, "गांव में डर का माहौल बना हुआ है, लोग घर से कम निकल रहे हैं. रात में कोई भी घर के बाहर नहीं सोता है. सब लोग छतों पर सोने के लिए मजबूर हैं. अधिकारी केवल आते हैं, घूमकर चले जाते हैं. हमारा कोई ध्यान देने वाला नहीं है."

ग्रामीण कुलदीप ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी सूचना मिलने पर ही गांव में आते हैं, केवल घूमकर वापस चले जाते हैं. अभी तक जानवर को पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

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12 टीमों का गठन, 24 घंटे निगरानी का दावा

वन संरक्षक डॉ. सम्मारन ने बताया, "ड्रोन से इलाके पर नजर रखी जा रही है. हमें कोई निशान नहीं मिला है. जानवर को पकड़ने के लिए 12 टीम का गठन किया गया है और 24 घंटे निगरानी की जा रही है. बच्ची के शव के पास से मिले सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया है. इस इलाके से 25 किलोमीटर दूर अभी कुछ दिन पहले भेड़िया को पकड़ा गया है."

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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