- बरेली में हुई हिंसा के लिए मौलाना तौकीर रजा खान को यूपी पुलिस ने आरोपी नंबर एक बनाया है.
- एफआईआर में बताया गया कि मौलाना ने माहौल बिगाड़ने और पुलिसवालों की हत्या की बात की थी.
- भीड़ ने गुस्ताख नबी जैसे भड़काऊ नारे लगाए, जिससे माहौल और उग्र हो गया था.
मौलाना तौकीर रजा खान को बरेली में हुए बवाल के लिए आरोपी नंबर वन बनाया गया है. यूपी पुलिस ने मौलाना पर दर्ज एफआईआर में कई गंभीर आरोप लगाए हैं. एफआईआर में खुलासा किया गया है कि मौलाना तौकीर रजा ने कहा था- आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहें इसमें पुलिसवालों की हत्या ही क्यों न करनी पड़े और मुस्लिमों की ताकत दिखानी है. साथ ही ये भी बात सामने आई है कि विरोध प्रदर्शन में अपराधियों को बुलाया गया था, ताकि माहौल खराब किया जा सके.
भड़काऊ नारों से बिगड़ा माहौल
तौकीर रजा पर दर्ज हुई FIR में बताया गया है कि भीड़ में से कुछ ने नारे लगाए, 'गुस्ताख नबी की एक सजा, सर तन से जुदा', जिस से भीड़ उग्र हुई और भीड़ सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी कर रही थी. नारे लगाते हुए भीड़ ने कहना शुरू किया कि मौलाना तौकीर रजा ने कहा था- आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहें इसमें पुलिस वालों की हत्या भी क्यों न करनी पड़ी और मुस्लिमो की ताकत दिखानी है.
अवैध हथियारों से फायरिंग की
एफआईआर में कहा गया है कि भीड़ ने पुलिस पर अवैध हथियारों से जान से मारने के मकसद से फायरिंग की. पुलिसवालों के डंडे छीने और हमला किया. इस दौरान पुलिसवालों के बैच नोचे गए. कांच की बोतलों से पेट्रोल बम पुलिस पर फेंके गए, जिससे कई पुलिसवाले घायल हुए. पुलिस पर धारदार हथियार से हमला किया गया, जिसमें कई पुलिसवाले घायल हुए.
बरेली हिंसा सोची-समझी साजिश
यूपी पुलिस की एफआईआर में खुलासा किया गया है कि बरेली हिंसा सोची समझी साजिश के तहत की गई थी. आईएमसी प्रमुख तौकीर रजा और आईएमसी के नदीम और आईएमसी के पदाधिकारियों ने सोच समझ कर पहले से प्लान बनाकर साजिश के तहत जानबूझकर अंजाम दिलवाया गया. उपद्रव के बाद पुलिस को मौके से बड़े पैमाने पर अवैध हथियार बरामद हुए, जिनका इस्तेमाल पुलिस पर हमले के किए किया गया था.