महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बनीं सतयुग से कलयुग की झाकियां, जानिए क्या है इनमें

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 में पूरी रौनक है. तरह-तरह के आयोजन हो रहे हैं. ऐसा ही एक आयोजन ब्रह्मकुमारी संस्थान कर रहा है...

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महाकुंभ मेले में ब्रह्मकुमारी संस्थान ने सतयुग से कलयुग की झाकियां लगाई हैं.

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में देश और दुनिया के तमाम लोग पहुंच रहे हैं. प्रयागराज के संगम पर साधु-संन्यासियों का मेला है. यहीं ब्रह्मकुमारी संस्थान ने पंडाल लगाया हुआ है. इस पंडाल में कलयुग से सतयुग तक झाकियां दिखाई गईं हैं. इन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. साथ ही लोग यहां चल रहे प्रवचन का भी आनंद ले रहे हैं.

क्या है इन झाकियों में

यहां मौजूद ब्रह्मा कुमारी शिव शक्ति बहन ने बताया कि हम सबने मिलकर कलयुग बनाया है. आज हम सब सिर्फ बाहर की दुनिया देखते हैं और हम कहते हैं कि इंसान हैवान बन गया है, लेकिन हमारा अपने कर्मों के ऊपर कभी भी ध्यान नहीं जाता. हमारे एक-एक कर्म दूषित हो गए हैं. एक-एक कर्म विकारी हो गए हैं.  मुख्यतः पांच विकारों काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार में ग्रसित मानव बुराइयों की तरफ बढ़ता जा रहा है. आज मानव चोरी करने में, डाका डालने में देरी नहीं कर रहा है. किसी व्यक्ति विशेष की पूरे जीवन की जमा पूंजी हम पल भर में खाली कर दे रहे हैं. परंतु हमारा विचार कभी यह नहीं होता कि उस मनुष्य आत्मा से हमें कितनी बददुआ मिल सकती है. आज हम परिवार को भी एक बोझ की तरह ढो रहे हैं. आज हम कहते हैं कि चलती का नाम गाड़ी है. पहले गृहस्थ आश्रम कहा जाता था और इस समय हम कहते हैं गृहस्थी मतलब गिरी हुई हस्ती हो गई. अब मानव संबंधों को भी ढो रहा है .

लोगों को पसंद आ रही झांकियां

उन्होंने आगे बताया कि कलयुग में इंसान की प्रवृत्ति बदल गई है. वह दूषित हो गया है. इंसान हर तरफ से सिर्फ पैसे कमाने के बारे में सोच रहा है. चाहे वो कैसे भी हो. इसके लिए वो साम, दाम, दंड, भेद हर तरीका अपना रहा है. वह लोगों को धोखा दे रहा है. नशे में डूबा हुआ है. इन्हीं बातों को झाकियों के माध्यम से यहां बताया जा रहा है. सतयुग में ऐसा नहीं था. सतयुग के लोग कैसे व्यवहार करते थे, ये भी झाकियों के माध्यम से बताया जा रहा है. लोग इसे देखकर खुद ही तय करेंगे कि उन्हें कैसे जीना है. लोग काफी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं.

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