- कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी द्वारा जमीन मालिकों को अधिक मुआवजा देने की मिलीभगत की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए
- SIT में कोर्ट ने IPS अधिकारियों के साथ फोरेंसिक और आर्थिक अपराध शाखा के सदस्यों को शामिल करने को कहा
- सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा की नई परियोजनाओं पर पर्यावरणीय और ग्रीन बेंच की मंजूरी के बिना रोक लगाने का आदेश दिया
नोएडा अथॉरिटी द्वारा जमीन मालिकों को ज्यादा मुआवजा देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के अधिकारियों और भूस्वामियों के बीच भूमि अधिग्रहण के लिए बढ़ चढ़ाकर भुगतान करने की कथित मिलीभगत की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए है. सुप्रीम कोर्ट ने एक नई SIT का गठन भी किया है. साथ ही आदेश दिया कि पर्यावरणीय और ग्रीन बेंच की मंजूरी के बिना नोएडा की नई परियोजनाओं पर रोक रहेगी.
कोर्ट में जज ने क्या कुच कहा
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जायमाल्या बागची ने ये कदम पहले से गठित SIT की रिपोर्ट पर ये कदम उठाया है. पीठ ने आदेश दिया है कि तीन IPS अधिकारियों वाली नई SIT में फोरेंसिक लेखा विभाग के साथ-साथ आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी भी शामिल होने चाहिए. पीठ ने यूपी के मुख्य सचिव को नोएडा में सिफारिश के अनुसार बदलाव लाने के लिए मंत्रिपरिषद के समक्ष पूर्व की विशेष जांच दल (SIT) रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा.
भ्रष्टाचार रोकने के लिए दिया ये आदेश
अदालत ने मुख्य सचिव को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए नोएडा में तत्काल एक मुख्य सतर्कता अधिकारी (IPS काडर से या सीएजी के किसी अधिकारी) की नियुक्ति करने का निर्देश दिया. इसने यह भी कहा कि नोएडा को निवासियों के विचारों से अवगत कराने के लिए तत्काल एक नागरिक सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाए