यूपी के बाराबंकी में रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में छात्र और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन सोमवार को हिंसक हो गया. सोमवार दोपहर बाद जब प्रदर्शन जोरों पर था, नगर कोतवाली पुलिस के साथ अपर पुलिस अधीक्षक और सीईओ भी मौके पर पहुंचे. लेकिन छात्र प्रदर्शनकारी उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोकते नजर आए. इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने की कोशिश की.
रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में कानूनी मान्यता और अवैध वसूली के खिलाफ चल रहे छात्रों के प्रदर्शन में सोमवार को भारी तनाव पैदा हो गया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी छात्रों के समर्थन में शामिल थे. दोपहर लगभग 3:30 बजे जब प्रदर्शन दिल्ली की ओर बढ़ रहा था, तब नगर कोतवाली पुलिस के साथ अपर पुलिस अधीक्षक और सीईओ मौके पर पहुंचे और छात्र प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने प्रयास करने लगे. लेकिन छात्रों ने विरोध जताते हुए उन्हें परिसर में जाने नहीं दिया. इससे माहौल गर्म हो गया.
इस स्थिति में गढ़िया पुलिस चौकी पर भी तोड़फोड़ हुई, जिसमें पुलिस चौकी के कांच टूट गए. पुलिस ने नियंत्रण पाने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्र और अभाविप कार्यकर्ता घायल हुए. घायल प्रदर्शनकारियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अभाविप कार्यकर्ता ने बताया कि यूनिवर्सिटी के करीब 10-12 लोग हमारे कार्यकर्ताओं और छात्रों के साथ अभद्रता कर रहे थे. जब पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंचे, तब भी उनका पक्ष नहीं लिया गया. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और हमारी किसी तरह मदद नहीं की.
वहीं एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि हम छात्राओं और छात्रों के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन वहां कुछ गुंडों ने हम पर हमला किया. हमें परिसर में अधिकारियों को भी जाने नहीं दिया गया. जो पुलिस, चौकी में तोड़फोड़ के आरोप लगा रहे हैं, वह बिलकुल झूठे हैं, महिलाओं पर ही लाठीचार्ज किया गया.
यह पूरा घटनाक्रम रामस्वरूप यूनिवर्सिटी के छात्रों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ टकराव का साफ चित्र प्रस्तुत करता है. प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई ने छात्रों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है.