साल 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Polls 2022) से पहले सियासी दलों में आरोप-प्रत्यारोप और जुबानी जंग का दौर तेज हो चला है. मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने छोटे दलों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने निशाना साधा. मायावती (Mayawati) ने कहा कि ज्यादातर बड़ी पार्टियों ने सपा से किनारा कर लिया है इसलिए अब वह छोटी पार्टियों के गठबंधन के सहारे ही लड़ेगी. ऐसा करना सपा की महालाचारी है.
बसपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में कहा, "समाजवादी पार्टी की घोर स्वार्थी, संकीर्ण व ख़ासकर दलित विरोधी सोच एवं कार्यशैली आदि के कड़वे अनुभवों तथा इसकी भुक्तभोगी होने के कारण देश की अधिकतर बड़ी व प्रमुख पार्टियां चुनाव में इनसे किनारा करना ही ज़्यादा बेहतर समझती हैं, जो सर्वविदित है."
उन्होंने कहा कि आगामी यूपी विधानसभा आम चुनाव अब यह पार्टी किसी भी बड़ी पार्टी के साथ नहीं बल्कि छोटी पार्टियों के गठबंधन के सहारे ही लड़ेगी. ऐसा कहना व करना सपा की महालाचारी नहीं है तो और क्या है?
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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने NDTV से बातचीत में कहा था कि यूपी की जनता बदलाव चाहती है. अखिलेश ने यूपी चुनाव के लिए मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ गठबंधन से इनकार किया और कहा कि हम छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगे. बीएसपी और कांग्रेस का जिक्र किए बिना अखिलेश ने कहा, 'बड़ी पार्टियों के साथ मेरा अनुभव अच्छा नहीं रहा है, हम उनके साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे.'
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