समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुरादाबाद से पूर्व सांसद एसटी हसन का टिकट आजम खान ने पिछले लोकसभा चुनाव में कटवा दिया था. आजम खान का दिया वो दर्द आज तक एसटी हसन भुला नहीं पाए हैं. एसटी हसन से जब पूछा गया कि वह लोकसभा चुनाव के बाद से रामपुर नहीं गए हैं और न ही आजम खान के परिवार से मिले हैं, तो उनका दर्द बाहर आ गया है. उन्होंने कहा- मेरा टिकट क्यों कटा था... मेरा क्या कसूर था? मेरा टिकट काटकर किसको दिलवाया गया, ये भी सभी को पता है.
'अखिलेश यादव ने कोई कसर नहीं छोड़ी'
जेल में बंद आजम खान की फैमिली के अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल पर एसटी हसन ने कहा, 'अखिलेश यादव ने आजम खान की जितनी मदद की है, वो कोई सोच भी नहीं सकता है. अखिलेश यादव हमेशा आजम खान को अपने बुजुर्गों की तरह मानते हैं, अपना बड़ा मानते हैं और हर तरह से उनके साथ खड़े हैं. हालात सबको मालूम हैं, जो कुछ भी आजम खान के साथ हुआ और हो रहा है. मौजूदा सरकार उनके पीछे पड़ी हुई है. बहुत से झूठे मुकदमे उनके ऊपर लगा दिये गए हैं. अब हमारा भी यही मानना है कि ईश्वर मदद करें, तो वह बाहर आ सकते हैं. लेकिन आजम खान को जेल से बाहर लाने के लिए अखिलेश यादव ने कोई कसर नहीं छोड़ी है.
मेरा क्या कसूर था?
लोकसभा चुनाव के बाद से ऐसा देखा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के नेताओं ने रामपुर से दूरी बना ली है. एसटी हसन भी उनमें से एक हैं. हालांकि, एसटी हसन कहते हैं, 'आपको तो पता है कि मेरा टिकट क्यों कटा था... मेरा क्या कसूर था? मेरा टिकट काटकर किसको दिलवाया गया, ये भी सभी को पता है. मुझसे तो ऐसी कोई खता नहीं हुई थी, जिसकी मुझे सजा मिली थी. मैं भी एक इंसान हूं. मैं आजम खान की इज्जत करता था और करता रहूंगा, लेकिन मेरा अब रामपुर जाने का दिल नहीं करता है.'
एसटी हसन का टिकट आजम खान ने पिछले लोकसभा चुनाव में कटवा दिया था. आजम खान की जिद के कारण रुचिवीरा को मुरादाबाद से टिकट मिला था, लेकिन अखिलेश यादव ने धोबी पछाड़ चलते हुए आजम के विरोधी मोहिबुल्लाह नदवी को रामपुर से टिकट दे दिया. नदवी सांसद भी बन गए. आजम खान को अब भी इसका दर्द है. उनका दर्द तो ये भी है कि अखिलेश इन दिनों उन्हें छोड़कर दूसरे मुस्लिम नेताओं को आगे बढ़ा रहे हैं.