उत्तर प्रदेश में आतंकियों की गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के संदेह करने वाले बयान के बाद राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है. अखिलेश यादव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'मैं यूपी पुलिस विशेषकर भाजपा सरकार पर भरोसा नहीं कर सकता.' हालांकि, उनकी पार्टी ने आरोप लगाया है कि गलत मायने निकालने के लिए एडिट की हुई वीडियो क्लिप सर्कूलेट की जा रही है, पूर्व मुख्यमंत्री ने यह बात तब कही थी, जब गिरफ्तारी की बात किसी को नहीं पता थी.
यूपी सरकार ने रविवार को कहा था कि अलकायदा समर्थित अंसार गजवतुल हिंद से जुड़े दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया था कि आतंकी 'मानव बम' का इस्तेमाल करते हुए यूपी की कई जगहों पर विस्फोट की योजना बना रहे थे. एडीजी प्रशांत कुमार के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने लिखा था कि मिनहाज अहमद मसीरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया है और उनके घर से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली है. उन्होंने यह भी कहा कि अहमद और मसीरुद्दीन अल-कायदा की उत्तर प्रदेश शाखा के प्रमुख उमर हलमंडी के निर्देश पर काम कर रहे थे.
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अगले साल यूपी में होने वाले चुनाव से पहले सियासी गरमाहट शुरू हो गई है. भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव का बयान सोशल मीडिया पर शेयर किया है. भाजपा नेता सीटी रवि ने ट्वीट किया, 'यह देखकर हैरानी हुई कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ऐलान किया कि वह यूपी पुलिस और भाजपा सरकार पर भरोसा नहीं करते. ये वही लोग हैं, जिन्होंने दावा किया था कि वे भाजपा की वैक्सीन पर भरोसा नहीं करते. तो वे किस पर भरोसा करते हैं? पाकिस्तान सरकार और उसके आतंकियों पर.'
भाजपा के अमित मालवीय ने लिखा है, 'अखिलेश यादव को पहले वैक्सीन पर शक था, अब कह रहे हैं कि आतंकियों के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं करते. अगर उन्हें किसी पर भरोसा नहीं है, ना ही सरकार पर और ना ही प्रशासन पर. तो वह क्यों मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं? घर पर बैठें.'
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अखिलेश के बयान की भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कड़ी आलोचना की. उन्होंने एक ट्वीट में सपा प्रमुख का वीडियो साझा करते हुए पूछा, “आप किस देश के लिए बल्लेबाजी कर रहे हैं, यह सवाल आज सभी के मन में है.'
उप्र भाजपा ने एक अलग ट्वीट में कहा, '...इस सफलता पर गर्व करने के बजाय, पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाकर उत्तर प्रदेश पुलिस को अपमानित किया है. अखिलेश जी बताएं कि देश की सुरक्षा उनके लिए जरूरी है या तुष्टिकरण की राजनीति?'
वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश विधानसभा आमचुनाव के करीब आने पर ही इस प्रकार की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है. अगर इस कार्रवाई के पीछे सच्चाई है तो पुलिस इतने दिनों तक क्यों बेखबर रही? यह वह सवाल है जो लोग पूछ रहे हैं. अतः सरकार ऐसी कोई कार्रवाई न करे जिससे जनता में बेचैनी और बढ़े.'
साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''उप्र पुलिस का लखनऊ में आतंकी साजिश का भंडाफोड़ करने व इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों के तार अलकायदा से जुड़े होने का दावा अगर सही है तो यह गंभीर मामला है और उचित कार्रवाई होनी चाहिए वरना इसकी आड़ में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही है.'
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