- UP के महराजगंज जिले में मतदाता सूचना विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत सभी मतदाताओं को सत्यापित किया जा रहा है
- बीएलओ और सुपरवाइजर्स ने उन मतदाताओं के नाम सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कर संपर्क करने की अपील शुरू की है
- सीमावर्ती गांवों में कई मतदाताओं का पता नहीं चल पाया है, जिनमें अधिकांश नेपाल के निवासी हो सकते हैं
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में मतदाता सूचना विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सत्यापन को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं ताकि कोई भी मतदाता छूट न जाए. प्रशासन का लक्ष्य है कि असली मतदाता छूटे नहीं और फर्जी मतदाता बच न पाएं. इसके लिए बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) और सुपरवाइजर्स ने अनोखी पहल शुरू की है. जिन मतदाताओं का घर नहीं मिला, उनके नाम सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कर दिए गए हैं और उनसे संपर्क करने की अपील की जा रही है.
यह मामला भारत-नेपाल सीमा से सटे महराजगंज के सीमावर्ती गांवों का है. यहां एसआईआर सत्यापन में बीएलओ को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. कई ऐसे नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं जिनका न तो पता मिल रहा है और न ही घर. इन गुमनाम मतदाताओं की सूची सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कर दी गई है. साथ ही मोबाइल के जरिए संपर्क करने की अपील भी की गई है.
वोटर लिस्ट में दर्ज है नाम लेकिन घर का नहीं है पता
बीएलओ अनिल कुमार ने बताया कि खैराटी गांव के बूथ संख्या 85 पर गणना प्रपत्र वितरण के दौरान पता चला कि 94 लोगों के नाम मतदाता सूची में हैं, लेकिन उनका कोई पता या घर नहीं मिला. आशंका है कि इनमें से अधिकांश लोग नेपाल के निवासी हो सकते हैं. इन सभी नामों की सूची सार्वजनिक कर दी गई है ताकि वे स्वयं संपर्क करें.
लाउडस्पीकर से भी लोगों को बताया जा रहा है
सुपरवाइजर रमेश ने एनडीटीवी को बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर एसआईआर सत्यापन को पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है. बीएलओ हर घर तक पहुंचकर सत्यापन कर रहे हैं. जिनका नाम और पता गुमनाम मिला, उनके नाम लाउडस्पीकर से मुनादी कराई गई है. साथ ही तय समय सीमा के भीतर संपर्क करने की अपील की गई है. यदि कोई संपर्क नहीं करता, तो अंतिम सत्यापन के बाद ऐसे नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे.













