शैक्षणिक संस्थानों को सरकारी योजनाओं के संबंध में युवाओं के बीच अधिकतम जागरूकता पैदा करने की सलाह देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि ये योजनाएं महज वोटबैंक के लिए नहीं होतीं, बल्कि ये समाज के लिए आत्मनिर्भरता हासिल करने का एक माध्यम है.
भाऊराव देवरस सेवा न्यास के महामना शिक्षण संस्थान बालिका प्रकल्प के भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज को स्वावलंबी बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार प्रदेश में कई तरह की योजनाएं चला रही है.
उन्होंने कहा, “बालक और बालिकाओं के लिए हमने अभ्युदय कोचिंग का शुभारंभ किया, जिससे बच्चों को भौतिक और आभासी रूप से निःशुल्क कोचिंग मिल रही है. इस बार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में 43 बच्चे ऐसे रहे, जो अभ्युदय से जुड़े थे और उनका चयन हुआ.”
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री स्किल मिशन का चतुर्थ चरण प्रारम्भ होने जा रहा है. हमें अपने युवाओं को इसके लिए तैयार करना होगा. सारी योजनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना अनिवार्य है ताकि डिग्री लेने के बाद युवाओं को यहां वहां भटकना ना पड़े.”
आदित्यनाथ ने कहा, “भारत की परंपरा सदैव स्वावलंबन की रही है. पहले हमारे गांव और समाज आत्मनिर्भर थे. शासन पर उनकी निर्भरता न्यूनतम थी, जब समाज आगे चलेगा और सरकार उसके पीछे होगी तो समाज आत्मनिर्भर और स्वावलंबी होगा.”
उन्होंने कहा कि गुलामी के कालखंड में हमारे गौरव के बोध को समाप्त करने के प्रयास किए गए. यही कारण थे कि हमारे बड़े-बड़े आस्था और शिक्षण के केंद्र तोड़े गए. आजादी का अमृत महोत्सव पहला ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जिसे पूरे देश ने मनाया और उसके साथ जुड़ा.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में संस्थान के तीन शिक्षकों और 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए अपने पहले प्रयास में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया. उन्होंने प्रकल्प की प्रथम स्मारिका का विमोचन भी किया. महामना मदन मोहन मालवीय के जीवन पर आधारित इस स्मारिका में देश के मूर्धन्य विद्वानों के लेख हैं.