उत्तर प्रदेश की संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हिंसा भड़क गई थी. अब इस मामले में पुलिस का एक्शन जारी है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने आरोपियों के फोटो जारी किए हैं. पुलिस की तरफ से जेल भेजे गए दंगाइयों के फोटो जारी किए गए. 21 दंगाइयों को दो दिन पहले ही जेल भेजा गया था. संभल में रविवार के दिन जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गयी और करीब 25 अन्य लोग घायल हो गए. पुलिस ने इस मामले में सोमवार को 25 लोगों को गिरफ्तार किया था.
4 महिलाओं की गिरफ्तारी
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने दंगा भड़काने के मामले में चार महिलाओं को भी गिरफ़्तार किया है. संभल में आगे की कार्रवाई के लिए डिविजनल कमिश्नर आंजनेय सिंह ने बैठक बुलाई है. जिसके बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला होगा. मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा के दो दिन बाद जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. स्कूल फिर से खुल गए हैं और रोजमर्रा की जरूरत की चीजें बेचने वाली कई दुकानें फिर से खुल गई हैं. हालांकि इस दौरान तमाम एहतियात बरती जा रही है.
कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने क्या बताया
मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 27 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका हैं और वीडियो के आधार पर 74 उपद्रवियों की पहचान कर ली गयी है और भी लोगों की पहचान की जा रही है. ज़िम्मेदार लोग बयानबाजी कर माहौल को खराब करने का काम न करें. हालात सामान्य हो रहे हैं, साक्ष्यों के आधार पर कार्यवाही की जा रही है. पहचाने गए उपद्रवियों के फोटो प्रकाशित किए जाएंगे और उनसे नुकसान की भरपाई कराई जाएगी.
माहौल बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा
हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा. अगर फिर किसी ने गड़बड़ी करने की कोशिश की तो ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा. साजिश के पीछे छिपे लोगों को भी सामने लाया जाएगा. पकड़े गए लोगो में महिलाएं और नाबालिक भी हैं. कुल 7 मुकदमे अभी तक दर्ज हुए हैं. हमने इस मामले में संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क़ और सपा विधायक के बेटे नवाब सुहैल इकबाल को मुकदमे में आरोपी बनाया है.
इंटरनेट शुरू करने पर होगा विचार
इसके अलावा भी और कई लोग इस हिंसा को भड़काने में शामिल हैं, फिलहाल उनकी भी पहचान की जा रही है. मृतक चारों युवकों के परिवार वालों की तरफ से भी अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. सोशल मीडिया का इस्तेमाल भीड़ इकट्ठा करने में किया गया है. बाहरी नेताओं के संभल आने पर अभी रोक लगी रहेगी. मोबाइल की इंटरनेट सेवा अभी बंद है. शाम को इसके खोलने पर विचार किया जाएगा.
संवेदनशील इलाकों में फोर्स तैनात
हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के सदस्यों ने एकता का आह्वान किया है और सांप्रदायिक सद्भाव के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया है. सोमवार को संभल में बाजार बंद थे लेकिन कई इलाकों में दुकानें खुली देखी गईं. सुबह भी स्थिति सामान्य नजर आई, आज स्कूल भी खुले हैं और सुबह सुबह रोजमर्रा की जरूरतों की दुकान खुली नजर आईं. हिंसा के बाद उपजे हालात को देखते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं. प्रमुख चौराहों पर कर्मियों को तैनात किया गया है और संवेदनशील इलाकों में रैपिड एक्शन फोर्स (आएएफ) के कर्मी तैनात हैं.
बाहरी लोगों की एंट्री पर संभल में बैन
प्रशासन ने 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के संभल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिले के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को स्थिति शांत दिखाई दी, लेकिन शहर के कोट पूर्वी मोहल्ले में शाही जामा मस्जिद के आसपास का इलाका सुनसान रहा. मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा, 'संभल में स्थिति सामान्य है और दुकानें खुली हैं. जिस इलाके में हिंसा भड़की थी, वहां कुछ दुकानें बंद हैं, लेकिन बाकी जगहों पर दुकानें खुली हैं और कहीं कोई तनाव नहीं है.''
भीड़ को भड़काने का मामला दर्ज
सांसद और स्थानीय विधायक के बेटे पर भी भीड़ को भड़काने का मामला दर्ज किया गया है. सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. शांति कमेटी के सदस्य और अखिल भारतीय व्यापार मंडल के नेता हाजी एहतेशाम ने कहा कि यह सब बाहर के लोगों द्वारा किया गया है और जो भी हुआ बहुत गलत हुआ है. एहतेशाम ने कहा ''हम सब इन सब बातों को भूलकर एक बार फिर शांति की राह पर लौटेंगे.'' वहीं, सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य शिव शंकर शर्मा ने कहा, ''इस तरह की घटना से माहौल खराब होता है. संभल में सभी लोग आपस में मेल जोल करके फिर सांप्रदायिक सौहार्द बनाएंगे.''
संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और पार्टी के स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल और 2500 से ज्यादा अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है. इस बीच, सोहेल इकबाल ने कहा कि वह हिंसा स्थल पर मौजूद नहीं थे और उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया. इकबाल ने ‘पीटीआई-वीडियो' से कहा, 'मैंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं किया जिससे संभल में शांति भंग हो. हम प्यार फैलाने और लोगों की सेवा करने में विश्वास करते हैं. जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा नहीं होना चाहिए था. मेरा नाम इसमें शामिल किया गया है, जबकि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही मैंने कोई नफरत भरा भाषण दिया है.'