संभल में फिर सामने आया नया विवाद, पृथ्वीराज सिंह चौहान की जमीन पर किसका कब्जा? जानें पूरा मामला

इससे पहले संभल के चंदौसी में मिली बावड़ी पर राजा चंद्र विजय सिंह ने अपने पूर्वजों के होने का दावा किया. उनका कहना है कि राजा चंद्र विजय और रानी बीना कुमारी की यह मिल्कियत है जो राजा प्रीतम कुमार के वंशज हैं.

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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश का संभल जिला इन दिनों सुर्खियों में है. मंदिर होने को लेकर शाही जामा मस्जिद के सर्वे और फिर हिंसा के बाद रोजाना नए-नए विवाद सामने आ रहे हैं. नया मामला पृथ्वीराज सिंह चौहान की जमीन पर कब्जा का है. संभल में शाही जामा मस्जिद के पास बन रही पुलिस चौकी के पास की एक जमीन के टुकड़े को एक समुदाय ने पृथ्वीराज सिंह चौहान की होली जलने वाली जगह बताया है और इसे एक बार फिर से पूजा के लिए दिए जाने की मांग की है.

कश्यप समाज के लोगों का दावा है कि यहां हमारे समाज की महिलाएं पूजा करती थीं. 1978 के दंगों के बाद इस जगह पर कब्जा कर लिया गया. इसीलिए बार फिर से ये जमीन हमें सौंपी जाए, ताकि हम पूजा शुरू कर सकें.

कश्यप समाज के लोगों ने इस जमीन को कब्जा मुक्त कराने को लेकर पुलिस प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा.



संभल स्थित जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी भी बनाई जा रही है. शनिवार को चौकी की नींव रखी गई है. लोगों का कहना है कि चौकी के बनने से हमारी सुरक्षा होगी. शनिवार को दिन में शाही जामा मस्जिद के पास बनाई जा रही नई पुलिस चौकी के निर्माण कार्य में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और श्रमदान किया. बड़ी संख्या में निर्माण स्थल पर पहुंची महिलाओं ने अपने हाथों से फावड़ा चलाकर ईंटें उठाईं, कंक्रीट डाला और अन्य निर्माण कार्यों में मदद की. यहां तक कि बुजुर्ग महिलाएं श्रमदान में उत्साह के साथ शामिल हुईं.

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नवंबर महीने में संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहरनाथ मंदिर के दावे को लेकर दायर याचिका पर अदालत के आदेश के बाद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी.

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इससे पहले संभल के चंदौसी में मिली बावड़ी पर राजा चंद्र विजय सिंह ने अपने पूर्वजों के होने का दावा किया. उनका कहना है कि राजा चंद्र विजय और रानी बीना कुमारी की यह मिल्कियत है जो राजा प्रीतम कुमार के वंशज हैं. उन्हीं की वंशावली की यह बावड़ी है. ये हमारी पुरातन सभ्यता की निशानी है. इस पर जो भी अतिक्रमण है, उसे हटवाया जाएगा. यह बावड़ी कहां तक जाती है, यह प्रशासन के विवेक और जांच का विषय है.

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संभल जिले के चंदौसी शहर में पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिली तीन मंजिला बावड़ी को लोग अपने-अपने दावे कर रहे हैं. मुरादाबाद की सहसपुर रियासत के वारिस पूर्व सांसद राजा चंद्रविजय सिंह भी सामने आए हैं. उन्होंने मीडिया से कहा कि चंदौसी में मिली तीन मंजिला बावड़ी उनके पुरखों की मिल्कियत है.

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उत्तर प्रदेश के संभल के चंदौसी नगर पालिका के अधिकारियों ने कहा है कि प्राचीन बावड़ियों का पता लगाने के लिये आसपास का अतिक्रमण हटाया जाएगा. चंदौसी नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कियह एक पुरातत्व अवशेष है और किसी को भी इस पर निर्माण का अधिकार नहीं दिया गया है. ऐसे पुरातात्विक इमारत के मिलने के बाद उसकी खुदाई की जाएगी, जहां तक अवशेष मिलेंगे, वहां तक जगह खाली कराया जाएगा.

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