- अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर शिक्षा व्यवस्था में गरीबों से पढ़ाई छीनने की साजिश करने का आरोप लगाया.
- सपा ने सरकार द्वारा स्कूलों को जानबूझकर बंद करने की बात कही और संविधान में शिक्षा अधिकार का उल्लेख किया.
- उन्होंने वोटर लिस्ट में फर्जी वोटर बनवाने और चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर गंभीर आरोप लगाए.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने शिक्षा व्यवस्था, वोटर लिस्ट में धांधली, ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047' और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रवासी करार देते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए. अखिलेश यादव ने कहा कि पीडीए पाठशाला चलाना एक संदेश है, क्योंकि सरकार खुद स्कूल नहीं चलाना चाहती. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गरीबों से पढ़ाई छीनने की साज़िश कर रही है. उन्होंने ‘ग से गधा' पढ़ाए जाने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि ये हमारे शब्द नहीं हैं.
लखनऊ में समाजवादी शासनकाल में बने एक मॉडल सरकारी स्कूल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान में शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित किया गया है. लेकिन मौजूदा सरकार गरीबों से यह अधिकार छीनने का काम कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी सरकार जानबूझकर स्कूलों को बंद कर रही है.
वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार पर फर्जी वोटर बनवाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग अधिकारियों पर कार्रवाई करता, तो यह धांधली नहीं होती. समाजवादी पार्टी ने आयोग को वोटर लिस्ट से संबंधित दस्तावेज सौंपे थे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
विजन 2047 और सीएम योगी पर टिप्पणी
यूपी विधानसभा में विजन 2047 को लेकर हुई 24 घंटे की चर्चा पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के विकास के दावे खोखले हैं. उन्होंने कहा कि जनता सरकार के विजन को देख और समझ चुकी है, और 2027 में जनता जवाब देगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि वे प्रवासी मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ केवल चुनाव के समय बीजेपी के मुख्यमंत्री बन जाते हैं.