लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्'की रचना के 150 साल होने पर चर्चा हुई. इसमें उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद ने भी हिस्सा लिया. 'वंदे मातरम्'पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रसाद ने कहा कि अयोध्या में अभी हाल में ही आयोजित राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह और दीवाली पर आयोजित कार्यक्रम में भी निमंत्रित नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार 'वंदे मातरम्' की भावना के साथ आचरण नहीं कर रही है.
अवधेश प्रसाद के आरोप क्या हैं
चर्चा में हिस्सा लेते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि 'वंदे मातरम्' देश की एकता, अखंडता और भाईचारे का संदेश है. लेकिन सरकारें इसके मुताबिक व्यवहार नहीं किया जा रहा है, भेद किया जा रहा है, आज विवाद किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को प्रधानमंत्री जी अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर पर पताका फहराने के लिए गए थे, लेकिन मैं यह नहीं समझ पाया कि मुझे उस कार्यक्रम में इग्नोर क्यों किया गया. हमें पास क्यों नहीं दिया गया, हमें उस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि यह अवधेश प्रसाद का नहीं बल्कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम के लोगों का अपमान है. उन्होंने कहा कि इससे 'वंदे मातरम्'का संदेश अधूरा होता है.
राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को निशाने पर लिया
अवधेश प्रसाद से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम्' के साथ हुआ अन्याय कोई अलग-थलग घटना नहीं, बल्कि तुष्टीकरण की राजनीति की शुरूआत थी, जिसे कांग्रेस ने अपनाया था. उन्होंने कहा कि इसी राजनीति ने देश का विभाजन कराया. उन्होंने कहा कि यह सच स्वीकार करना पड़ेगा कि वंदे मातरम् के साथ जो न्याय होना चाहिए था, वह नहीं हुआ.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आजाद भारत में राष्ट्र गान और राष्ट्रीय गीत को एक समान दर्जा देने की बात थी, लेकिन (राष्ट्रीय गीत) वंदे मातरम् को खंडित किया गया. सिंह ने कहा,''वह धरती, (बंगाल) जिस पर वंदे मातरम् की रचना हुई, उसी धरती पर कांग्रेस ने इसे खंडित करने का काम किया.''
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