- समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत मिली है
- इरफान सोलंकी पर आगजनी, रंगदारी, जमीन कब्जाने और फर्जी दस्तावेज बनाने जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं
- दिसंबर 2022 में जाजमऊ थाने के इंस्पेक्टर की तहरीर पर गैंगस्टर एक्ट के तहत इरफान के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी मंगलवार को जेल से बाहर आए, बाहर निकलते ही उन्होंने तेवर दिखाया. इरफान पर आगजनी, जमीन कब्जाने और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं. हालांकि अदालत से मिली जमानत के बाद उनके समर्थकों ने स्वागत में नारे लगाए. रिहाई के बाद उन्होंने एक्स पर एक ट्वीट किया कि स्वागत नहीं करोगे हमारा. उनके इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
कानपुर की सियासत में चर्चित नाम रहे समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी मंगलवार को जेल से बाहर आ गए. इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में जमानत मिलने के बाद देर शाम उनकी रिहाई संभव हुई.
बाहर निकलते ही दिखे सियासी तेवर
जेल से बाहर आते ही इरफान का पहला अंदाज़ स्वागत कराने वाला था. उन्होंने समर्थकों से कहा “स्वागत नहीं करोगे हमारा?”. उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
आगजनी, रंगदारी, जमीन कब्जाने सहित केस हैं दर्ज
इरफान सोलंकी का राजनीतिक करियर विवादों से भरा रहा है. उन पर आगजनी, रंगदारी, जमीन कब्जाने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसे आरोप हैं. दिसंबर 2022 में जाजमऊ थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे की तहरीर पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ. एफआईआर में साफ तौर पर लिखा गया कि इस गैंग का लीडर खुद इरफान सोलंकी है.
22 दिसंबर 2022 को प्रशासनिक आधार पर उन्हें कानपुर जेल से कड़ी सुरक्षा में महाराजगंज जेल शिफ्ट किया गया था. तब से वे गैंगस्टर एक्ट के मामले में ही बंद थे. अदालत ने इस केस में इरफान, उनके भाई रिजवान सोलंकी और एक अन्य आरोपी को जमानत दी है.
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