समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान पर 2019 में दर्ज भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में कोर्ट नें बरी कर दिया है. यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन एसडीएम सदर पीपी तिवारी ने दर्ज कराया था. इसमें आजम खान पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगाए गए थे. इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से अंतिम बहस पूरी की जा चुकी थी. रामपुर की एक एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए आजम खान को आरोपों से बरी कर दिया.
अदालत ने फैसला सुनाते हुए क्या कहा
एमपी-एमएलए कोर्ट के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अमित वीर सिंह ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष अपने केस को साबित करने में नाकाम रहा. यह फैसला आजम खान के लिए बड़ी राहत है. लेकिन कई और मामलों की वजह से वो अभी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
शिकायत के मुताबित आजम खान ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार करते हुए 23 अप्रैल को रामपुर के मिलक थाना क्षेत्र के खटानागरिया गांव में एक जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन रामपुर डीएम अन्जनेय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उम्मीदवार संजय कपूर पर तीखी टिप्पणियां की थीं. अभियोजन पक्ष का आरोप था कि खान ने चुनाव आयोग को भ्रष्ट बताते हुए मतदाताओं को ध्रुवीकरण के लिए उकसाया. यह भारतीय दंड संहिता और पीपुल्स रिप्रजेंटेशन एक्ट के तहत अपराध है.
आजम खान करीब 23 महीने जेल में गुजारने के बाज 23 सितंबर को जेल से रिहा हुए थे. वो 23 महीने सीतापुर की जेल में बंद रहे. आजम खान पर 100 से अधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से कुछ में वो बरी हो चुके हैं तो कुछ मामले अभी भी अदालतों में विचाराधीन हैं.
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