उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा में पानी बढ़ जाने से नदी में कटान होने लगी है और बड़ी तादाद में वहां दफनाए गए शव गंगा में तैरने लगे हैं. ऐसे 100 से ज्यादा शवों का नगर निगम ने अंतिम संस्कार कर दिया है. चुनरी में लिपटी एक महिला का शव मिला है. ये किसी की बेटी होंगी. किसी की पत्नी... जन्म से मौत तक जिंदगी में ना जाने कितने रिश्ते बने होंगे... शायद किसी ने सात जन्मों के साथ का भी वादा किया हो, लेकिन मौत के बाद यहां फेंक गए.
प्रयागराज नगर निगम के जोनल अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने कहा कि कुछ ऐसी महिलाओं के भी शव निकले हैं जिनकी अभी तक नेल पॉलिश भी नहीं हटी है. अभी हम लोगों ने देखा. कुछ महिलाओं ने सुंदर सी साड़ियां पहन रखी हैं. उनके ऊपर ना तो रामनामी है और ना ही कफन. इनके परिवार वालों की क्या मानसिक पीड़ा, दशा रही होगी वो तो जानना अब हम लोगों के बस का है नहीं.
कोरोना की दूसरी लहर में प्रयागराज में गंगा के किनारे पूरे क्रबिस्तान नजर आए. हालांकि, कुछ हिंदू लोग नाबालिग बच्चों, कुंवारी कन्याओं वगैरह का शव दफनाते रहे हैं. लेकिन गंगा किनारे ऐसी स्थिति कभी देखने को नहीं मिली. बारिश और दरिया के कटाने से वो शव बाहर आ गए हैं. अब नगर निगम के लोग खुद अपने हाथों उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं.
जोनल अधिकारी ने कहा कि हम हर एक शव का अलग-अलग चिता सजा रहे हैं. प्रत्येक शव को देसी घी का अर्पण होता है, चंदन का अर्पण होता है और कपूर से उनको मुखाग्नि दी जा रही है. जो मुझे ज्ञान प्राप्त है उससे मंत्रोच्चार स्वत: करता रहा हूं.