दो-ढाई साल पहले ही OBC आरक्षण के लिए आयोग गठित होना चाहिए था : शिवपाल सिंह यादव

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर तीखा प्रहार किया

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समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव (फाइल फोटो).
इटावा:

समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने के लिए जो आयोग अब गठित हुआ है, उसे दो-ढाई साल पहले ही गठित करना चाहिए था.

पूर्व मंत्री एवं सपा नेता यादव ने रविवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘समाजवादियों ने पहले आरक्षण पाने के लिए लड़ाई लड़ी और अब आरक्षण बचाने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ेगी. अब संघर्ष सड़कों पर चलेगा.'' उन्‍होंने कहा कि सरकार को आयोग बनाकर समय पर आरक्षण लागू करके समय से चुनाव कराना चाहिए था लेकिन सरकार पिछड़े वर्ग का आरक्षण खत्म करना चाह रही थी. उन्होंने आरेाप लगाया कि इस सरकार ने पहले पिछड़ों का आरक्षण और फिर दलितों का आरक्षण खत्म करने की साजिश की है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्गों को आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए पांच सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का बुधवार को गठन किया. इस आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह करेंगे. नगर विकास विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, आयोग का कार्यकाल अध्यक्ष और सदस्यों के पदभार ग्रहण करने के दिन से छह महीने के लिए होगा.

इस आयोग का गठन ऐसे समय में किया गया है जब एक दिन पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की अधिसूचना के मसौदे को खारिज कर दिया और ओबीसी को बगैर आरक्षण दिए स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया.

राम अवतार सिंह ने गत दिनों ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा था कि निर्धारित प्रक्रिया पर उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के अनुसार पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए ‘ट्रिपल टेस्ट' की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और इस प्रक्रिया में लगभग छह महीने लगेंगे.

पत्रकारों से बातचीत में शिवपाल सिंह यादव ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार का मंसूबा पिछड़ों, दलितों का आरक्षण समाप्त करने का है. उन्होंने कहा, ‘‘निकाय चुनावों को आगे टालने के लिए सरकार आरक्षण को ऐसे ही टाले रही है और जो आयोग अब बन रहा है उसे तो दो-ढाई साल पहले ही बन जाना चाहिए था.''

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