- कुशीनगर में मुहर्रम के जुलूस के दौरान खड्डा और रामकोला थाना क्षेत्रों में विवाद हुआ.
- खड्डा थाना क्षेत्र में एक शिव मंदिर के सामने इस्लामी झंडा फहराने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ.
- बहराइच में मुहर्रम जुलूस के दौरान एक पुलिस अधिकारी के विवादास्पद बयान ने प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ाया.
- बरेली के फरीदपुर में ताजिया रखने की जगह के पास तोड़फोड़ से व्यापारियों में तनाव पैदा हुआ, गिरफ्तारी का आश्वासन मिलने पर स्थिति सामान्य हुई.
कुशीनगर जिले के खड्डा और रामकोला थाना क्षेत्रों में मुहर्रम के जुलूस और नारेबाजी को लेकर अलग-अलग समुदायों के लोगों के बीच मामूली विवाद हो गया. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. उत्तर प्रदेश के बरेली और बहराइच जिलों में भी मुहर्रम के जुलूसों के दौरान झड़प और विवाद की बात सामने आयी है.कुशीनगर पुलिस के अनुसार खड्डा थाना क्षेत्र में गुलहरिया के पास एक प्राचीन शिव मंदिर के सामने विवाद हुआ, जहां एक पक्ष ने आरोप लगाया कि मंदिर के सामने इस्लामी झंडा फहराया गया और नारे लगाए गए. कुशीनगर पुलिस के अनुसार, कुछ युवकों ने इस घटना को रिकॉर्ड कर लिया एवं सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जिससे तनाव और बढ़ गया.
दूसरा विवाद कहां हुआ
खड्डा के थाना प्रभारी (एसएचओ) हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में कुछ युवकों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस के अनुसार दूसरा विवाद रामकोला थाना क्षेत्र के टेकुआटार बाजार में डीजे बजाने को लेकर हुआ. पुलिस के अनुसार विवाद बढ़ा और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें इकलाख (आठ) नामक एक बच्चे के सिर में चोट लग गई. पुलिस ने बताया कि इकलाख का उपचार कराया जा रहा है. रामकोला के थाना प्रभारी (एसएचओ) आनंद गुप्ता ने दावा किया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि दोनों स्थानों पर शांति-व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है.
बहराइच में क्यों मामला गरमाया
बहराइच जिले के नानपारा कोतवाली क्षेत्र में रविवार को मुहर्रम जुलूस के दौरान विवाद हो गया. शिया समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि एक पुलिस अधिकारी ने शिया धर्मगुरु अली खामेनेई के पोस्टर पर लाठी मारी और और एक स्थान से पोस्टर हटाते हुए धर्मगुरु व जुलूस निकाल रहे लोगों को ‘‘आतंकवादी'' कहा. इससे नाराज प्रदर्शनकारियों ने जुलूस को कुछ देर के लिए रोक दिया, इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया. वायरल वीडियो में आक्रोशित लोगों ने पुलिसकर्मी के निलंबन की मांग करते दिखे. वीडियो में युवक सवाल करते सुने गए, ‘‘मेरे रहबर खामनेई साहब को आतंकवादी कहा, क्या ये आतंकवादी हैं!'
बाद में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप और कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद जुलूस फिर से शुरू हुआ. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि 'मामला सुलझा लिया गया है और जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जा रहा है.'
बरेली में क्या हुआ
उधर, बरेली में जिले के फरीदपुर क्षेत्र के एक मोहल्ले में ताजिया रखने की जगह के पास एक दुकान के बगल में बने चबूतरे पर तोड़फोड़ के बाद तनाव पैदा हो गया. इस घटना से नाराज व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं और सड़कों पर प्रदर्शन किया. पुलिस स्थिति को शांत करने के लिए पहुंची और एक मामला दर्ज किया. हालांकि, व्यापारी दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए और चेतावनी दी कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती वे ताजिया नहीं ले जाने देंगे. वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यापारियों को कार्रवाई और गिरफ्तारी का आश्वासन दिया.
बरेली (उत्तरी) क्षेत्र की अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अंशिका वर्मा ने मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना करके पुलिसकर्मियों को दिशा निर्देश दिए. एएसपी वर्मा ने बताया, ''पुलिस द्वारा मामला दर्ज करके त्वरित कार्रवाई करते हुए दो महिला और तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया, इसके बाद व्यापारी शांत हुए.'' उन्होंने बताया कि घटना शनिवार देर रात फरीदपुर के मोहल्ला साहूकारा में हुई, जहां कुछ अराजकतत्वों ने कथित तौर पर चबूतरे को क्षतिग्रस्त कर दिया और जहां से ताजिए का जुलूस जाना था, वहां एक दुकान का शटर तोड़ने का प्रयास किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘कुछ व्यापारियों ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे और इस घटना को रिकॉर्ड कर लिया. रविवार सुबह स्थिति और बिगड़ गई. वरिष्ठ अधिकारियों से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद ही ताजिए उठे और जुलूस आगे बढ़ा.''