- उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होगा, जिसमें एक दिन 24 घंटे लगातार बैठक होगी.
- CM योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को 2047 तक प्रदेश के विकास के लिए विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.
- समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्र की कम अवधि पर सवाल उठाया और 24 घंटे की बैठक को पागलपन बताया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. यह सत्र सिर्फ चार दिनों का है और एक दिन लगातार 24 घंटे तक विधानसभा की बैठक होगी. इस दौरान सरकार के मंत्री अपने-अपने विभागों का विजन डॉक्यूमेंट पेश करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने साथी मंत्रियों को 2047 तक यूपी के विकास का प्लान बनाने को कहा है. रविवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सभी फैसले हुए. विपक्ष, खासतौर से समाजवादी पार्टी ने मॉनसून सत्र का समय बढ़ाने की मांग की है. साथ ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने 24 घंटे सदन चलाने को पागलपन बताया है.
समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक में अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के विधायकों से सरकारी स्कूलों के मर्जर से लेकर बाढ-बारिश से बेहाल लोगों की परेशानी के मुद्दे उठाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सपा प्रमुख ने योगी सरकार पर हमला बोला है.
योगी सरकार पर बरसे अखिलेश यादव
उन्होंने कहा, "तीन दिन का ही सत्र क्यों, तीन घंटे का सत्र करते ये लोग. मैं 24 घंटे सदन चलाने का विरोध करता हूं, ये क्या बात है कि आप जगा रहे हो, आपने कोई काम नहीं किया 9 साल में और अब तुम 24 घंटे जगाओगे किसी को, ये कहां का पागलपन है.
बांके बिहारी न्यास विधेयक हो सकता है पेश
11 अगस्त से शुरू हो रहे यूपी विधानसभा के सत्र में बांके बिहारी न्यास विधेयक पेश हो सकता है. सरकार की तैयारी विधेयक को सदन में पेश करके पास कराने की है. बांके बिहारी न्यास का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. ऐसे में कोर्ट से अंतिम फैसला आने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी ट्रस्ट पर अस्थाई रोक लगा दी है और इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट रेफर कर दिया है. बीते शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि बांके बिहारी मंदिर न्यास अध्यादेश में बनी कमेटी के संचालन को सस्पेंड किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को मथुरा में कॉरिडोर के विकास के लिए यूपी सरकार को मंदिर के धन का इस्तेमाल करने की छूट दी थी. कोर्ट ने मंदिर के आसपास की 5 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने की भी इजाजत दी. फिर 26 मई को यूपी सरकार ने अध्यादेश भी जारी कर दिया. इसमें मंदिर की देखभाल के लिए ट्रस्ट (न्यास) बनाने की व्यवस्था की गई. यूपी सरकार के इस फैसले के खिलाफ गोस्वामी परिवार सुप्रीम कोर्ट चला गया था. कोर्ट ने ट्रस्ट के गठन पर रोक लगाते हुए हाई कोर्ट के एक रिटायर जज की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का आदेश दे दिया है.