महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद अब कई अहम बदलाव किए गए हैं
महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या के मौके पर स्नान से पहले मची भगदड़ के बाद 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हुए हैं. इस हादसे के बाद से ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इंतजाम को और अधिक पुख्ता करने पर जोर दे रही है. इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख जताया है. योगी सरकार ने महाकुंभ भगदड़ में मृतकों के परिजनों के लिए 25-25 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. साथ ही राज्य सरकार ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं.योगी सरकार के आदेश पर स्थानीय प्रशासन ने महाकुंभ की व्यवस्था में कई बड़े बदलवा करने का फैसला किया है. अब से जो भी संगम घाट पर स्नान के लिए पहुंचेगा उसे नई व्यवस्था का पालन करना होगा.
- नो व्हीकल जोन बनाया गया : इस घटना के सामने आने के बाद सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. अब ऐसे में महाकुंभ आने वाले तमाम वाहन को बाहर ही रोक दिया जाएगा.
- VVIP पास रद्द कर दिए गए हैं: महाकुंभ क्षेत्र में किसी भी स्पेशल वाहन की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. नए नियमों के लागू होने के बाद अब कोई भी वीवीआईपी वाहन कुंभ क्षेत्र तक सीधे नहीं पहुंच पाएंगे. यहां आने वाले श्रद्धालुओं खाने-पीने की की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है.
- वन वे रूट्स को शुरू किया गया - भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वन वे रूट्स को आज से शुरू किया गया है. इसके माध्यम से श्रद्धालुओं की सुचारू आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सकेगा.
- वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमाओं पर ही रोक दिया जा रहा है. पहले बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों के कारण भी शहर और खासकर महाकुंभ क्षेत्र में काफी भीड़ भाड़ हो जाती थी. साथ ही सवारी वाहनों पर भी रोक लगाई गई है.
- 4 फरवरी तक सख्त प्रतिंबध लगाए गए हैं. इस तारीख तक शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू किया गया है. उसके बाद एक बार फिर पूरी स्थिति का जायजा लिया जाएगा.
- नए अधिकारियों की नियुक्त की गई है: महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीनियर IAS आशीष गोयल को आगे के इंतज़ाम की ज़िम्मेदारी दी गई है. वे साल 2019 में हुए कुंभ में प्रयागराज के कमिश्नर थे. इस समय वे सारा पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं. कल रात सीएम के घर हुई बैठक के बाद ये फ़ैसला हुआ. इसके अलावा 2019 में प्रयागराज के डीएम रहे भानु चंद्र गोस्वामी को भी मेला की ज़िम्मेदारी दी गई है. भगदड़ में तीस लोगों की मौतें के बाद से ही यूपी सरकार और उसके इंतज़ाम पर सवाल उठने लगे हैं. इसी के साथ 5 विशेष सचिव महाकुंभ के लिए तैनात किए गए हैं. इसी के साथ ही प्रयागराज के तमाम स्टेशनों पर भीड़ को इकट्ठा होने से रोका जा रहा है.
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