कुंभ की कुंजी: महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालु ध्यान दें, अपने शहर से प्रयागराज के लिए मेला स्पेशल जनरल ट्रेनों की पूरी लिस्ट देखें

महाकुंभ में लगभग 10 करोड़ लोगों का ट्रेन से आने का अनुमान है. इसे लेकर रेलवे सुरक्षा और व्यवस्था के सारे इंतजाम कर रही है. प्रयागराज रेल मंडल द्वारा महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के लिए पहली बार सीसीटीवी कैमरों के साथ एफआर कैमरे भी लगाए जा रहे हैं.

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महाकुंभ 2025 : उत्तर मध्य रेलवे 13,000 से अधिक ट्रेनों का करेगा संचालन
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन खत्म होगा. महाकुंभ को लेकर प्रयागराज में तैयारी तेजी से चल रही हैं और अंतिम चरण में पहुंच गई हैं. मेला प्राधिकरण इस महाकुंभ में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान व्यक्त कर रहा है. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ट्रेनों के ज़रिए प्रयागराज पहुंच सकते हैं. इस बार लगभग 10 करोड़ लोगों के ट्रेन के जरिए महाकुंभ में पहुचंने का अनुमान है.

रेलवे इस बार 3 हजार विशेष ट्रेनें चलाएगा. इसके अलावा लगभग 10 हजार नियमित ट्रेनों का भी आयोजन किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में सुविधा मिलेगी. कुल मिलाकर, इस बार महाकुंभ के लिए 13 हजार ट्रेनों की व्यवस्था की गई है, जो पिछले कुंभ की तुलना में काफी अधिक है.

13,000 ट्रेनों में 10,000 से अधिक नियमित गाड़ियां यात्रियों की सेवा में होंगी. इसके अलावा, 3,000 से अधिक विशेष गाड़ियां चलाई जाएंगी. विशेष ट्रेनों में 2,000 आउटवर्ड गाड़ियां होंगी (जिन्हें आयोजन से बाहर जाने के लिए संचालित किया जाएगा), जबकि 800 इनवर्ड गाड़ियां (वापसी की यात्रा के लिए) होंगी.

देखें अपने शहर से प्रयागराज के लिए मेला स्पेशल जनरल ट्रेनों की पूरी लिस्ट-

प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगभग 25,000 यात्रियों के ठहरने के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण किया गया है. कुल 10 आश्रय स्थल बनाए गए हैं. जिनमें से 4 आश्रय स्थल प्रयागराज जंक्शन, 3 नैनी जंक्शन, 2 छिवकी स्टेशन और 1 सूबेदारगंज स्टेशन पर बनाए जा रहे हैं. ये आश्रय स्थल 2019 के कुंभ में अस्थाई टिकट घर व शौचालय की सुविधाओं के साथ बनाए गए थे. महाकुंभ 2025 में इनका पुनर्निर्माण कर संचालित करने का कार्य तेजी से चल रहा है. छिवकी स्टेशन पर नया आश्रय स्थल भी बनाया जा रहा है. 

आश्रय स्थलों की कलर कोडिंग, जाने वाली ट्रेनों की दिशा के मुताबिक की गई है. लखनऊ और बनारस जाने वाले यात्रियों को लाल रंग के आश्रय स्थल. कानपुर के लिए हरे रंग का आश्रय स्थल. सतना, मानिकपुर, झांसी की ओर जाने वालों को पीले रंग के आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा.

  • पिछले कुंभ में सात हजार ट्रेनें चली थीं.
  • इस बार लगभग 13 हजार ट्रेनें चलायी जाएंगी
  • यानी इस बार ट्रेनों की संख्या दोगुनी है.
  • रेलवे स्टेशनों पर आश्रय स्थलों का निर्माण भी किया गया है.

रेलवे स्टेशन पर होंगे पुख्ता इंतजाम

महाकुंभ में लगभग 10 करोड़ लोगों का ट्रेन से आने का अनुमान है. इसे लेकर रेलवे सुरक्षा और व्यवस्था के सारे इंतजाम कर रही है. प्रयागराज रेल मंडल द्वारा महाकुंभ के दौरान रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के लिए पहली बार सीसीटीवी कैमरों के साथ एफआर कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. एफआर कैमरे एआई की मदद से संदिग्ध गतिविधियों और अराजक तत्वों पर नजर रखने में कारगर हैं.

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एफआर कैमरे एआई तकनीक से काम करते हैं. फेस रिकॉग्निशन या एआई तकनीक की मदद से चेहरे की पहचान करने में सक्षम होते हैं. ये आसानी से संदिग्धों को भीड़ में भी पहचान कर तलाश लेते हैं. जिससे भीड़ में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों या भगदड़ जैसी स्थिति को बनने से पहले काबू किया जा सकता है. एफआर कैमरे किसी भी असामान्य घटना को आसानी से पकड़ सकते हैं, उन पर तत्काल प्रतिक्रिया कर दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.

प्रयागराज होगा लेवल रेल क्रासिंग से मुक्त

महाकुंभ के पहले प्रयागराज शहर पूरी तरह से लेवल रेल क्रॉसिंग से मुक्त हो जाएगा। इससे ट्रेनों के परिचालन में सुविधा और दुर्घटनाओं में तो कमी होगी ही साथ ही शहरवासियों को घंटों जाम से भी मुक्ति मिल जाएगी. प्रयागराज की लगभग सभी लेवल रेल क्रासिंग पर आरओबी या आरयूबी बनकर तैयार हैं, जिन पर महाकुंभ के पहले आवागमन पूरी तरह से शुरू हो जाएगा.

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