महाकुंभ 2025 दुनिया भर के श्रद्धालुओं को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा. इस बार सुरक्षा और सहायता के विशेष उपाय किए गए हैं, खासकर नदी में डूबने से बचाने के लिए. उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने नदी किनारे गहरे जल अवरोधक, नदी लाइन्स, जेटी, अंडरवाटर ड्रोन और विशेषज्ञ गोताखोरों को तैनात किया है.
महाकुंभ में इस बार पहली बार अंडरवाटर ड्रोन का उपयोग किया गया है, जिसे आज परीक्षण किया गय. यह ड्रोन गहरे पानी में वस्तुओं या लोगों को पहचानने में सक्षम है. गहरे गोताखोरों की मदद से, इस तकनीकी उपाय के जरिए किसी भी आपात स्थिति में तत्काल पहुंचना संभव होगा. यह कदम महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, ताकि किसी भी दुर्घटना से तुरंत निपटा जा सके.
प्रयागराज पूर्वी जोन के डीआईजी डॉ राजीव नारायण मिश्रा ने कहा कि यूपी सरकार 2025 के महाकुंभ को सफल बनाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. पहली बार अंडरवाटर ड्रोन लगाया गया और आज इसका परीक्षण किया गया. यह गहरे पानी में वस्तुओं या लोगों को देख सकता है और गहरे गोताखोरों की मदद से हम तुरंत उस तक पहुंच सकते हैं.
डिजिटल महाकुंभ विजन के हिस्से के तौर पर पहली बार एआई (AI) जेनरेटिव चैटबॉट तकनीक पेश की गयी है.
उपयोगकर्ता केवल क्यूआर कोड को स्कैन करके अपनी तस्वीर के साथ एक व्यक्तिगत महाकुंभ प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं. एआई चैटबॉट महाकुंभ के हर आयोजन और प्रमुख कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी भी देता है. एआई चैटबॉट को 11 भाषाओं, हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, बंगाली और उर्दू में उपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए डिजाइन किया गया है. कोई भी उपयोगकर्ता अपनी पसंदीदा भाषा में उत्तर प्राप्त कर सकता है.