मई में दिल्ली और अब झांसी के बच्चा वॉर्ड में जल गए 10 मासूम, क्यों रुकता नहीं यह सिलसिला?

इसी साल दिल्ली के बेबी केयर न्यूबॉर्न हॉस्पिटल में भी कुछ ऐसा ही दर्दनाक हादसा हुआ था. इस हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई थी. रात के समय हॉस्पिटल में आग लग गई थी और वहां इलाज के लिए भर्ती हुए बच्चे जल गए थे.

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इसी साल मई महीने में दिल्ली के बेबी केयर न्यूबॉर्न हॉस्पिटल में आग लगने से सात बच्चों की मौत हो गई थी.

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्‍चों की मौत हो गई है. इस खबर ने सबको अंदर से हिला दिया है. ये पहला ऐसा मामला नहीं है जब अस्पताल में लगी आग ने बच्चों को अपनी चपेट में लिया हो. इस दर्दनाक हादसे ने दिल्ली के बेबी केयर न्यूबॉर्न हॉस्पिटल में लगी आग वाली घटना को एक बार फिर से याद दिलाया है. दिल्ली के विवेक विहार में स्थिति बेबी केयर न्यूबॉर्न हॉस्पिटल में आग लगने से 7 नवजातों की मौत हो गई थी. इस मामले में कई बड़ी लापरवाही सामने आई थी. ये हादसा इसी साल मई महीने में हुआ था. 

बेबी केयर सेंटर में आग बुझाने के इंतजाम नहीं थे. साथ ही सेंटर में अंदर आने और बाहर जाने का सही इंतजाम नहीं था. वहीं, कोई इमरजेंसी एग्जिट तक भी नहीं था. इतना ही नहीं BAMS डॉक्टरों की ड्यूटी लगी थी, जो बच्चों की केयर करने के लिए क्वालिफाइड नहीं थे.

दिल्ली सरकार ने बेबी केयर सेंटर को जो लाइसेंस जारी किया था वो 31 मार्च 2024 को एक्सपायर हो गया था. लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद केवल 5 बेड की अनुमति थी. लेकिन घटना के वक्त 12 बच्चे एडमिट थे.

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महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज आखिर हुआ क्या था?

  1. रात साढ़े दस से 10 बजकर 45 मिनट के बीच नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) की एक यूनिट में शार्ट सर्किट से आग लगी.
  2. एनआईसीयू में एक बाहर की यूनिट और एक अंदर की यूनिट होती है. जो बाहर की तरफ बच्चे थे लगभग सभी बचा लिए गए हैं, लेकिन अंदर की यूनिट से 10 बच्चों के मृत होने की सूचना मिली है.
  3. अग्निशमन दल और राहत-बचाव टीम द्वारा काफी बच्चों को बचाया गया.
  4. झुलसे बच्चों का उपचार जारी है और जो गंभीर रूप से घायल हैं, उनकी सूचना एकत्र की जा रही है.

झांसी नगर क्षेत्र के अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) ज्ञानेन्‍द्र कुमार सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के बच्चा वार्ड में आग लगने से दम घुटने और झुलसने से 10 बच्चों की मौत हुई है, जिनके शव निकाले जा चुके हैं. सिंह ने बताया कि अब तक 30 से ज्यादा बच्चों को बचाया जा चुका है. फिलहाल बचाव कार्य जारी है. दमकल विभाग की छह गाड़ियों को भेजा गया और अब आग पर काबू पा लिया गया है. उन्होंने बताया कि वार्ड में 54 नवजात शिशु भर्ती थे. जिनमें से 44 बच्चे बचाए गए.

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने हादसे का संज्ञान लेकर अधिकारियों को राहत और बचाव का निर्देश दिया. झांसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि अग्निशमन दल को मौके पर भेजा गया, जबकि जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं.

आखिर कैसे हुए हादसा

बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है? आखिर किसकी लापरवाही ने मासूम की जान ली. प्रशासन ने अपनी जांच शुरू कर दी है. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 12 घंटों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है. जांच रिपोर्ट सामने आने पर ही हादसे के कारणों और इसका जिम्मेदार कौन है ये साफ हो सकेगा.  

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