आईएएस बी चंद्रकला जब पहुंचीं ईडी के दफ्तर तो फिर क्या हुई पूछताछ?

आईएएस बी चंद्रकला (Ias B Chandrakala) को ईडी ने लखनऊ दफ्तर तलब कर की पूछताछ. कहा-खनन पट्टों के लिए किसने डाला दबाव, संपत्तियों के बारे में भी पूछे सवाल.

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B Chandrakala: आईएएस बी चंद्रकला से ईडी के लखनऊ दफ्तर पर हुई पूछताछ.
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  • आईएएस बी चंद्रकला से ईडी ने की पूछताछ
  • कहा- किस आधार पर बांटे गए हमीरपुर में पट्टे, क्या लखनऊ से आया था फोन?
  • आईएएस बी चंद्रकला से उनकी संपत्तियों के बारे में भी ईडी ने की पूछताछ
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नई दिल्ली:

आईएएस बी चंद्रकला(IAS B Chandrakala) को आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के लखनऊ दफ्तर में हाजिर होना पड़ा. उनसे ईडी के अफसरों ने  पूछताछ की. चंद्रकला ने अधिकांश सवालों का बेहिचक जवाब दिया तो कुछ सवाल असहज करने वाले रहे, जिनके जवाब से अफसर संतुष्ट नहीं हुए. सूत्रों के मुताबिक ED ने आईएएस चंद्रकला से जांच में आगे भी सहयोगात्मक रवैया बरतने के लिए कहा तो उन्होंने भी हामी भरी. इससे पहले भी ईडी ने 24 जनवरी को उन्हें हाजिर होने को कहा था. मगर आईएएस बी चंद्रकला ने दस्तावेजों के साथ अपने वकील को भेजकर खुद हाजिर होने में असमर्थता जताई थी. मगर ईडी की कड़ाई के बाद उन्हें बुधवार को हाजिर होना पड़ा.सूत्रों के मुताबिक अगर चंद्रकला हाजिर न होतीं तो ईडी के स्तर से गिरफ्तारी की भी कार्रवाई हो सकती थी.

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सूत्रों के मुताबिक आईएएस बी चंद्रकला (Ias B Chandrakala) से ईडी(ED) ने यह जानने पर जोर दिया कि उन्होंने किस आधार पर नियमों को दरकिनार कर हमीरपुर में कलेक्टर रहते खनन के पट्टे बांटे. क्या इसमें उनकी निजी रूचि थी या फिर शासन से कोई दबाव था. सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने सीबीआई के उस दावे के आधार पर भी चंद्रकला से सवाल किया, जिसमें पता चला था कि जब सीएम रहते अखिलेश यादव के पास खनन विभाग था, तो उनके सीएम दफ्तर ने एक ही दिन में 13 पट्टे जारी किए थे. यह तारीख थी 13 फरवरी 2013. सीबीआई की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए संबंधित तारीख को 13 पट्टे  धड़ाधड़ जारी किए गए थे. एक अन्य पट्टा दूसरी तारीख को जारी हुआ था.केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया था कि 2012 की ई-टेंडर नीति का उल्लंघन करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से मंजूरी हासिल करने के बाद 17 फरवरी को हमीरपुर की जिलाधिकारी बी चंद्रकला ने खनन पट्टे दिये थे. उस नीति का 29 जनवरी 2013 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंजूरी दी थी. इस पर भी ईडी अफसरों ने उनसे पूछा था कि क्या लखनऊ के पंचम तल से भी उन पर खनन पट्टे जारी करने का दबाव पड़ा. ईडी अफसरों ने चार घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की. ईडी ने यह भी पता लगाने की कोशिश की क्या खनन में उस समय के सत्ताधारी दल के नेताओं के पास भी हिस्सा पहुंचता था?

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बिना लोन कैसे खरीदी संपत्तियां
सूत्र बताते हैं कि ईडी ने खनन पट्टों के आवंटन से जुड़े सवालों का जवाब जानने के बाद चंद्रकला से उनकी अर्जित संपत्तियों के बारे में पूछताछ की. सीबीआई के छापे से नौ दिन पहले आईएएस बी चंद्रकला ने तेलंगाना के मलकाजगिरी जिले के ईस्ट कल्याणपुरी में आवासीय प्लॉट खरीदा था. 27 दिसंबर 2018 को ही इस प्लॉट की चंद्रकला ने रजिस्ट्री कराई थी. खास बात है कि 22.50 लाख रुपये के इस प्लॉट को उन्होंने बिना किसी बैंक लोन के खरीदा. सबसे पहले एनडीटीवी ने इसका खुलासा किया था. इसके अलावा अन्य संपत्तियों और उसको खरीदने में इस्तेमाल धनराशि के स्त्रोत के बारे में भी ईडी ने पूछताछ की.हालांकि ईडी के अफसर आधिकारिक रूप से कुछ बताने को तैयार नहीं. 
जनवरी में सीबीआई ने दर्ज किया केस
गौरतलब है कि सीबीआई ने अवैध खनन के मामले में आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला, समाजवादी पार्टी के विधान पार्षद रमेश कुमार मिश्रा और संजय दीक्षित (बसपा के टिकट पर 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ने और हारने वाले) समेत 11 लोगों के खिलाफ दो जनवरी को केस दर्ज कर 14 स्थानों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी हमीरपुर जिले में 2012-16 के दौरान खनिजों के अवैध खनन की जांच के सिलसिले में की गई थी. प्राथमिकी के अनुसार अखिलेश यादव 2012 से 2017 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री थे और 2012-13 के दौरान खनन विभाग उनके पास ही था, जिसकी वजह से उनकी भूमिका जांच के दायरे में आई है. उनके बाद 2013 में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री 

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कैसे चर्चित हुईं चंद्रकला
बात 2014 की है. जब 2008 काडर की आईएएस बी चंद्रकला बुलंदशहर में डीएम थीं. उस दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर मानो तूफान की तरह वायरल हुआ था, जिसने चंद्रकला को  सोशल मीडिया की सनसनी बना दिया. इस वीडियो के बाद उनकी ख्याति ईमानदार आईएएस अफसर के रूप में बनी. दरअसल, उस वीडियो में वह ईंट से ईंट तोड़कर सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता का भंडाफोड़ कर रहीं थीं. इस दौरान ठेकेदार और इंजीनियर को सरेआम फटकार लगा रहीं थीं. बार-बार कर रहीं थीं कि भ्रष्टाचार करते... शर्म नहीं आती... बी चंद्रकला ने नगरपालिका के विकास कार्यों की जांच के दौरान पाया था कि घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. इसके बाद उन्होंने ऐसे तेवर में मातहतों को फटकार लगाई कि उसका वीडियो वायरल हो गया था. लोगों ने 'डीएम हो तो ऐसा'-कहकर खूब यह वीडियो शेयर किया था. इसके बाद चंद्रकला के सोशल मीडिया फॉलोवर्स की तादाद बढ़ती गई. मेरठ में डीएम रहने के बाद मार्च 2017 से प्रतिनियुक्ति पर वह दिल्ली पहुंचीं और केंद्र सरकार में इस वक्त कार्यरत हैं. 

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पति की प्रेरणा से बनीं आईएएस
भले ही आज चंद्रकला खनन मामले में घिरीं हैं, मगर आईएएस बनने तक का उनका सफर जरूर प्रेरणादायी है.  बी चंद्रकला की शादी हो चुकी थी. इंजीनियर पति ए रामुलु से शादी के बाद पारिवारिक जिम्मेदारियां भी आ गईं थीं,  मगर उन्होंने हार नहीं मानी. शादी के बाद डिस्टेंस लर्निंग से उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. इसके बाद संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्हें उत्तर-प्रदेश का काडर मिला. तैयारी के लिए उन्हें पति से खासा सपोर्ट मिला था. 

वीडियो- यूपीः खनन घोटाले में आईएएस चंद्रकला सहित कई लोगों के घर छापेमारी 

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