परीक्षा के सेंटर सिर्फ सरकारी स्कूल बनाए और परीक्षा नियंत्रक सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को बनाया. एक शिफ्ट में पांच लाख से ज्यादा उम्मीदवार नहीं रखे गए. देश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा मानी जा रही यूपी की पुलिस भर्ती पूरी होने के बाद यह बात यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने NDTV से एक खास इंटरव्यू में कही.
फरवरी में पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने की वजह से रद्द कर दी गई थी. इसके बाद योगी सरकार के लिए इस परीक्षा को दोबारा बिना किसी बाधा के कराना एक चुनौती थी. इस बार परीक्षा पांच दिन में कुल सात पालियों में पूरी हुई, वह भी बिना किसी विवाद के. सवाल यह है कि इस बार राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड ने क्या रणनीति अपनाई, जिससे बिना किसी आरोप के यह परीक्षा पूरी हो गई? यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने एनडीटीवी को इस सवाल का जवाब दिया.
राजीव कृष्ण ने बताया कि यह परीक्षा अपने आप में एक चुनौती थी. सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में भर्ती बोर्ड ने परीक्षा पूरी कराई. सीएम के निर्देशों से भर्ती बोर्ड को बहुत सहूलियत हुई. हमने परीक्षा का सेंटर सिर्फ सरकारी स्कूलों को बनाया और परीक्षा नियंत्रक सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को रखा. एक शिफ्ट में पांच लाख से ज्यादा उम्मीदवार नहीं रखे गए. सरकार ने बसों को फ्री करके अभ्यर्थियों को बड़ी सहूलियत दी.
नकल पर रोक के लिए तकनीक का इस्तेमाल
राजीव कृष्ण ने बताया कि पेपर लीक से लेकर सॉल्वर गैंग में संगठित माफिया काम करते हैं. ऐसे में नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया गया. सिल्वर गैंग या पेपर लीक वाले इस बार कुछ कर नहीं सके. पुलिस भर्ती परीक्षा में तकनीक का इस्तेमाल किया गया. इसमें अभ्यर्थी के आधार से वेरिफिकेशन किया. परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों के टेक्नालॉजी वेरिफिकेशन के तरीके अपनाए. यह परीक्षा 67 जिलों में 16,400 कमरों में कराई गई. हर कमरे में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया. यह कैमरे एआई तकनीक वाले थे. इससे परीक्षा नियंत्रक और अभ्यर्थियों का मूवमेंट नोटिस किया गया. जहां कुछ गड़बड़ी होती थी, उसका अलर्ट आता था.
भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में पुलिस भर्ती परीक्षा से क्या सबक मिला? इस सवाल पर राजीव कृष्ण ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल और बेहतर हो सके, यह प्रयास करना होगा.
अगले साल की शुरुआत तक पूरी होगी भर्ती प्रक्रिया
आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण ने कहा कि, पुलिस के कुल 60,244 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में कुल 48 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. अभी सबसे पहले प्रॉवीजनल आंसर शीट जारी की जाएगी, इसके बाद आपत्तियां मांगी जाएंगी. आपत्तियों का अध्ययन करने के बाद फाइनल आंसर की जारी की जाएगी. इसके बाद नतीजे देकर फिजिकल टेस्ट शुरू होगा. इसमें कुल डेढ़ महीने का समय लगेगा. इसके बाद दस्तावेजों का वेरिफिकेशन करने के बाद दौड़ कराकर खिसियाओ एफिशिएंसी टेस्ट कराया जाएगा. इसमें छात्रों के पैरों में आरएफआईडी टैग लगाकर टेस्ट लिया जाता है. हमारी कोशिश है कि जल्दी से जल्दी उनकी भर्ती कराई जाए.
माना जा रहा है कि साल 2025 की शुरुआत तक भर्ती का काम पूरा हो जाएगा. इस भर्ती के साथ ना सिर्फ पुलिस बल में बढ़ोतरी होगी बल्कि नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी भी बढ़ेगी.
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