वाराणसी के ज्ञानवापी मामले पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई

श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट  सिविल रिवीजन (सिविल पुनरीक्षण) याचिका दाखिल की गई है.

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वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया से सर्वे कराए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज दोपहर दो बजे सुनवाई होगी. जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. इससे पहले मामले में 18 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई थी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट के 12 दिसंबर के अंतरिम आदेश से अदालतों को सर्वेक्षण के आदेश सहित कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया गया था और सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई  के लिए अगली डेट 17 फरवरी 2025 नियत की थी. इसलिए हाईकोर्ट ने भी सुनवाई की अगली डेट 24 फरवरी 2025 नियत कर दी थी.

हाईकोर्ट सिविल रिवीजन याचिका दाखिल

श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट  सिविल रिवीजन (सिविल पुनरीक्षण) याचिका दाखिल की गई है. श्रृंगार गौरी केस में वादी राखी सिंह की तरफ से जिला जज वाराणसी के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन याचिका दायर की गई है.

हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अलग-अलग दावे

याचिका में ज्ञानवापी के पूरे परिसर के किए गए सर्वे की तरह ही सील वजूखाने का भी सर्वे कराए जाने की मांग की गई है. बता दें कि दो साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था. मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जाता है लेकिन हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग होने का दावा कर रहा है.

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