कथा वाचन किसी की बपौती थोड़े है... इटावा मामले की सच्चाई जानने पहुंचीं गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल की खरी-खरी

कथावाचकों की चोटी काटने की बात पर गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल ने कहा कि यह उचित नहीं हुआ है यह सरासर गलत है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
कथावाचक के परिजनों को समझातीं गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • इटावा कथावाचक कांड के चलते तनाव बढ़ता जा रहा है.
  • यह मामला यादव बनाम ब्राह्मण के बीच विभाजन का संकेत दे रहा है.
  • प्रशासन ने मामले पर चौतरफा नजर रखने की तैयारी की है.
  • गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल ने इटावा का दौरा किया.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

इटावा कथावाचक कांड के लेकर माहौल शांत होता नजर नहीं आ रहा है. अब यह लड़ाई यादव बनाम ब्राह्मण बनती जा रही है. इसका असर इटावा से निकलकर यूपी के दूसरे जिलों तक पहुंच रहा है. इस प्रशासन मामले में चौतरफा नजर बनाए हैं. इस मामले में नेताओं की बयानबाजी और जातीय संगठनों के नेताओं के बयान से और छौंका लगा है. शनिवार को इटावा कथा कांड की लड़ाई में गुलाबी गैंग की भी एंट्री हुई. गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल कथा वाचक मुकुटमणि के परिवार से मिलने उनके गांव जवाहरपुर पहुंचीं. जवाहरपुर पहुंचकर संपत पाल ने परिवार से पूरे घटना के बारे में जानकारी ली.

सीओ की अपील पर दांदरपुर नहीं गई संपत पाल

गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल को ग्राम दांदरपुर में दूसरे पक्ष से भी मिलने जाना था. लेकिन इटावा के सीओ सिटी द्वारा आग्रह किये जाने के कारण गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल ने अपना दांदरपुर जाने का दौरा निरस्त कर दिया. इसके बाद संपत पाल ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि जैसा कि आजकल सोशल मीडिया पर तमाम अफवाहें चल रही है, उसी के बारे में सच्चाई जानने आज हम इटावा पहुंचे हैं.

चोटी काटने को संपत पाल ने कहा यह सरासर गलत

कथावाचकों की चोटी काटने की बात पर गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल ने कहा कि यह उचित नहीं हुआ है यह सरासर गलत है. संपत पाल ने मीडिया से कहा कि अभी पुलिस के आग्रह पर हम ग्राम दांदरपुर नहीं जाएंगे लेकिन आगे जब समय मिलेगा तब हम जरूर ब्राह्मण परिवार से मिलेंगे उनको समझाएंगे.

Advertisement

कथावाचन किसी की बपैती थोड़ी ही है... संपत पाल

संपत पाल ने पीड़ित परिवार को शिक्षा के प्रति जागरूक भी किया. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान में जो अधिकार दिए गए हैं, उसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है. अपने अधिकार के जानिए, पढ़ाई लिखाई कीजिए. कथा वाचने की बात पर उन्होंने कहा कि यह किसी की बपैती थोड़ी ही है. हमे कथा वाचने आता है तो हम कथा बाचेंगे.

Advertisement

यह भी पढ़ें - इटावा कथा कांड का असर: टेंट लग चुके थे, मंच सज चुका था, कलश यात्रा से पहले रोकी गई श्रीमद्भागवत कथा

Advertisement

Featured Video Of The Day
Marriage के लिए कुंडली में किन बातों का रखें ध्यान, पंडित जी ने पूरे विस्तार से दी जानकारी