'गजल होटल' फर्जी बैनामा मामले में मुख्तार अंसारी के बेटों के लिए आई राहत की खबर

माफिया मुख्तार अंसारी के बेटों, अब्बास अंसारी और उमर अंसारी, को गाजीपुर के चर्चित 'गजल होटल' की जमीन के फर्जी बैनामा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत अगले आदेश तक जारी रहेगी. हाईकोर्ट ने दोनों भाइयों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम रोक को बरकरार रखने का निर्देश दिया है.

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  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास और उमर को गजल होटल जमीन मामले में अंतरिम राहत दी है
  • हाईकोर्ट ने दोनों भाइयों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक अगले आदेश तक बरकरार रखने का निर्देश दिया है
  • गाजीपुर के गजल होटल जमीन के फर्जी बैनामा मामले में 12 लोगों पर षड्यंत्र रचने का आरोप है
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प्रयागराज: माफिया मुख्तार अंसारी के बेटों, अब्बास अंसारी और उमर अंसारी, को गाजीपुर के चर्चित 'गजल होटल' की जमीन के फर्जी बैनामा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत अगले आदेश तक जारी रहेगी. हाईकोर्ट ने दोनों भाइयों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम रोक को बरकरार रखने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने दंडात्मक कार्रवाई पर रोक बढ़ाई

अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने गाजीपुर सीजेएम कोर्ट में चल रहे मुकदमे को रद्द करने की मांग करते हुए मई 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. 12 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट ने पहली बार अंतरिम आदेश देते हुए दोनों भाइयों के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी. जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने गाजीपुर कोर्ट के 31 अगस्त 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली अंसारी भाइयों की याचिका पर यह रोक लगाई हुई है. सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि अब इस मामले में सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी पक्ष रखेंगे. मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी.

क्या है 'गजल होटल' फर्जी बैनामा मामला?

यह मामला गाजीपुर में गजल नाम से होटल बनाने के लिए जमीन के फर्जी बैनामा से जुड़ा है. मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी और उनके दोनों बेटों अब्बास और उमर अंसारी समेत कुल 12 लोगों पर इस मामले में षड्यन्त्र रचने का आरोप है.


सरकारी जमीन पर होटल

आरोप है कि गाजीपुर के मौजा मुहम्मद पट्टी की गाटा संख्या 98, 99 और 100 की जमीन को कूटरचित दस्तावेजों के हेरफेर और अवैध तरीके से नामांतरण कराकर होटल के लिए खरीदा गया था. प्रशासन की रिपोर्ट में यह सामने आया था कि होटल की जमीन सरकारी दस्तावेजों में बंजर भूमि के रूप में चिह्नित थी और इसकी लीज पहले ही समाप्त हो चुकी थी. इसलिए बेचने वालों को यह जमीन बेचने का अधिकार ही नहीं था.

इस मामले में 19 सितंबर 2020 को गाजीपुर के सदर तहसील के लेखपाल सत्यप्रकाश ने कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं, जिनमें 120B (आपराधिक षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी) शामिल हैं, के तहत दर्ज की गई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी मुख्य आरोपी हैं, जिन पर फर्जीवाड़े में शामिल होने का आरोप है. फिलहाल, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से अब्बास और उमर अंसारी को गिरफ्तारी या अन्य दंडात्मक कार्रवाई से अस्थायी राहत मिली हुई है.

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