DRDO का प्रोजेक्ट, 80 एकड़ जमीन, 300 करोड़ की लागत... लखनऊ में बने ब्रह्मोस मिसाइल प्लांट की जानिए खासियत

Brahmos Missile Plant in Lucknow: ब्रह्मोस का प्लांट डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ-कानपुर रोड पर स्थापित की गई है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने 300 करोड़ रुपए की लागत से इस प्लांट की स्थापना की है. इसमें जमीन की कीमत नहीं शामिल है.

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Brahmos Missile Plant in Lucknow: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच रविवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में रविवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल उत्पादन यूनिट का उद्घाटन किया गया. इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी वर्चुअली शामिल हुए. साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य सहित अन्य मंत्री-अधिकारी इस दौरान वहां मौजूद रहे.  इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आपने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की एक झलक देखी होगी. अगर नहीं देखी तो पाकिस्तान के लोगों से ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत के बारे में पूछिए. ऑपरेशन सिंदूर की कहानी तो आपने बहुत पढ़ ली, अब जानिए लखनऊ में बने ब्रह्मोस मिसाइल प्लांट की कहानी. 

लखनऊ में बने ब्रह्मोस मिसाइल प्लांट की पूरी कहानी

  • ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस की सरकारी कंपनी NPOM का एक संयुक्त प्रोजेक्ट है. इसमें भारत की 50.5% और रूस की 49.5% हिस्सेदारी है.
  • यह भारत का पहला साझा डिफेंस प्रोडक्ट है जिसे किसी विदेशी सरकार के साथ मिलकर शुरू किया गया है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के निर्माण, विकास और मार्केटिंग की जिम्मेदारी इसी कंपनी के पास है.
  • ब्रह्मोस का प्लांट डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ-कानपुर रोड पर स्थापित की गई है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने 300 करोड़ रुपए की लागत से इस प्लांट की स्थापना की है. इसमें जमीन की कीमत नहीं शामिल है.
  • इस प्रोजेक्ट के लिए दिसंबर 2021 में 80 हेक्टेयर भूमि निशुल्क आवंटित हुई थी. राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार इस प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करते रहे. इसीलिए 3.5 सालों में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया. शुरूआत में यहाँ ब्रह्मोस मिसाइल के कल पुर्जे लाकर जोड़े जाएंगे. 
  • बाद में इसी यूनिट से उसका उत्पादन भी शुरू हो जाएगा. रक्षा उत्पादन में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के उद्घाटन को मील का पत्थर माना जा रहा है.
  • 300 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस यूनिट में ब्रह्मोस मिसाइल बनाई जाएगी, जो 290-400 किमी की रेंज और 2.8 मैक की गति से सटीक हमला कर सकती है. इसे जमीन, समुद्र या हवा से लॉन्च किया जा सकता है और यह "फायर एंड फॉरगेट" सिस्टम पर काम करती है.
  • इसके अलावा, यूनिट हर वर्ष 100 से 150 अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइलें भी बनाएगी. अधिकारियों के अनुसार, ये नए संस्करण एक वर्ष के भीतर डिलीवरी के लिए तैयार हो जाएंगे.
  • इसके अलावा, अगली पीढ़ी की मिसाइल का वजन 2,900 किग्रा से घटाकर 1,290 किग्रा किया गया है और इसकी रेंज 300 किमी से अधिक होगी. इससे सुखोई जैसे लड़ाकू विमान, जो अभी एक मिसाइल ले जाते हैं, तीन मिसाइलें ले जा सकेंगे.
  • यह यूनिट 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित रक्षा औद्योगिक गलियारे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. 2021 में इसका शिलान्यास हुआ था और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए 80 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करवाई थी. यह यूनिट मात्र साढ़े तीन साल में बनकर तैयार हुई है.
  • उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे में छह नोड्स शामिल हैं, जिनमें लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट है. इसका लक्ष्य रक्षा उत्पादन में बड़े निवेश को आकर्षित करना है.
  • तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा राज्य है, जिसने एक समर्पित रक्षा गलियारा स्थापित किया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा उत्पादन में उसकी भूमिका को और मजबूत करता है.

राजनाथ सिंह क्यों नहीं पहुंच सके लखनऊ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आज लखनऊ आना था. यहीं तय हुआ था. उनके ड्रीम प्रोजेक्ट ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का आज उद्घाटन था. लेकिन उन्हें अचानक पीएम नरेन्द्र मोदी के घर महत्वपूर्ण मीटिंग में जाना पड़ा. इसीलिए वे इस कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े. लखनऊ राजनाथ सिंह का संसदीय क्षेत्र भी है. सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ राजनाथ ने साल 2021 मैं ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का शिलान्यास किया था. पीएम नरेन्द्र मोदी के यहाँ चल रही बैठक ख़त्म होने के बाद राजनाथ सिंह कार्यक्रम में शामिल हुए. 

रावलपिंडी तक इस बार की गूंज सुनाई पड़ीः राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट लखनऊ में उद्घाटन किया.  इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी, कहा- अब आतंकी सरहद पार भी सुरक्षित नहीं हैं. हमने यह दुनिया को दिखा दिया है. रावलपिंडी तक इस बार आवाज सुनाई दी. सीमा पार और सीमा के भीतर किसी आतंकवादी कार्रवाई पर अब सीधा एक्शन होगा. राजनाथ सिंह ने कहा  भारतीय सेना ने पराक्रम दिखा दिया है. हमने कभी उनके आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया. भारतीय सेना ने शौर्य और पराक्रम के साथ संयम का भी परिचय दिया. 

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ब्रह्मोस की ताकत पाकिस्तानी से पूछिएः योगी आदित्यनाथ

इस मौक़े पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आतंकवाद को कुत्ते की पूंछ तक कह दिया. उन्होंने कहा "ब्रह्मोस मिसाइल क्या होती है अभी आपने ऑपरेशन सिंदूर में इसके पराक्रम की झलक देखी होगी. नहीं देखा होगा तो पाकिस्तान वालो से पूछना ब्रह्मोस की ताकत क्या है! प्रधानमंत्री जी ने  आतंकवाद को लेकर घोषणा की है कोई आतंकी घटना अब युद्ध जैसा होगा,आतंकवाद को जब तक हम कुचलेंगे नहीं तब तक समस्या का समाधान नहीं है. 

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