झांसी में खाद लेना किसी जंग लड़ने से कम नहीं है. इसके लिए किसानों को काफी समय पहले से ही डेरा डालना पड़ता है. कुछ किसान तो हफ्तों से सर्द रात में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को विवश हैं और इसके बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है. किसान अब सरकार के अधिकारियों से खाद समय से उपलब्ध कराने की गुहार लगा रहे हैं.
झांसी के मऊरानीपुर में तो नवीन गल्ला मंडी स्थित पीसीएफ केंद्र में हजारों किसानों ने डीएपी खाद न मिलने पर जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. किसान डीएपी खाद के लिए हफ़्तों से लाइन में लगे हैं. रात को भी किसान पीसीएफ केंद्रों में आ जाते हैं. खाद न मिलने पर वापस घर चले जाते हैं. कई किसान तो पीसीएफ केंद्र के अगल-बगल ही डेरा जमाए हुए हैं. मगर उन्हें कोई भी जिम्मेदार अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि डीएपी खाद कब आएगी.
हजारों किसानों ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, साहब! खेत की नमी चली जाएगी तो बुवाई नहीं हो पाएगी. 8 दिन से हम लोग डीएपी खाद की एक-एक बोरी के लिए यहां पर लाइन में लगे हैं और हम को खाद नहीं मिल रही है. कई किसानों ने आरोप लगाया कि खाद ब्लैक भी की जा रही है. खाद की किल्लत को लेकर उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह परिहार ने आज उप जिला अधिकारी मृत्युंजय नारायण मिश्रा से खाद आपूर्ति कराए जाने के संबंध में बात की. इस पर उपजिलाधिकारी ने बताया रैक नहीं आने की वजह से डीएपी खाद नहीं मिल पा रही है. जल्द खाद मंगाई जा रही है. 3 दिन के अंदर खाद आ जाएगी.
उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह परिहार ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार बड़े-बड़े वादे कर रही है किसानों की आय दोगुनी करने का, लेकिन धरातल पर रबी फसल के सीजन में बुवाई के समय में किसानों को डीएपी खाद की आपूर्ति नहीं करा पा रही है. यह जमीनी हकीकत है. खाद नहीं मिलेगी तो बुवाई नहीं हो पाएगी. आमदनी कैसे बढ़ेगी? परिहार ने कहा कि जल्द व्यवस्था नहीं हुई तो किसान कांग्रेस रोड पर उतरेगी. आंदोलन करेगी. जरूरत पड़ी तो चक्का जाम भी करेगी.
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