मर्सिडीज से लेकर फॉर्च्यूनर तक... फर्जी IAS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी के काफिले में कौन-कौन सी महंगी गाड़ियां

पुलिस की जांच में पात चला है कि आरोपी सौरभ त्रिपाठी बीते कुछ समय में अलग-अलग समय पर कई सरकारी कार्यक्रमों में बतौर आईएएस अधिकारी शामिल होता था.

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फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी ने किए कई बड़े खुलासे
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  • लखनऊ से गिरफ्तार फर्जी आईएएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी ने महंगी गाड़ियों के काफिले से अपनी पहचान बनाई थी.
  • सौरभ त्रिपाठी के पास मर्सिडीज, डिफेंडर और फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियों के फर्जी दस्तावेज पुलिस ने बरामद किए हैं.
  • आरोपी ने कई सरकारी कार्यक्रमों में आईएएस अधिकारी बनकर शामिल हुआ था.
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लखनऊ:

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किए गए फर्जी IAS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी पुलिस पूछताछ में हर दिन बड़े खुलासे कर रहा है. पुलिस पूछताछ में आरोपी सौरभ त्रिपाठी ने बताया है कि सोसाइटी में उसका रौब बना रहे इसके लिए वह अपने काफिले में एक से बढ़कर एक महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था. लाल और नीली बत्ती लगी गाड़ियों के पीछे जब महंगी गाड़ियों का काफिला गुजरता था तो हर कोई उसे एक बड़ा अधिकारी मान बैठता था. पुलिस पूछताछ में आरोपी सौरभ ने बताया है कि उसके काफिले में मर्सिडीज से लेकर डिफेंडर और फॉर्च्यूनर जैसी महंगी और लग्जरी गाड़िया चलती थीं. खास बात ये थी कि वह इन गाड़ियों का इस्तेमाल ड्राइवर और नीली बत्ती के साथ करता था. 

पुलिस जांच में गाड़ियों के मिले फर्जी दस्तावेज

पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद फर्जी आईएएस की गाड़ियों की जांच की तो कई गाड़ियों के पेपर तक फर्जी निकले. साथ ही उसके पास से कई फर्जी सरकारी पास और कई अहम सामान मिले हैं. पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी के पास कई और भी महंगी गाड़ियां है. इन गाड़ियों की भी अभी जांच की जा रही है. 

सरकारी कार्यक्रमों में भी होता था शामिल

पुलिस की जांच में पात चला है कि आरोपी सौरभ त्रिपाठी बीते कुछ समय में अलग-अलग समय पर कई सरकारी कार्यक्रमों में बतौर आईएएस अधिकारी शामिल होता था. पुलिस की जांच में उसने माना है कि वो कई विभाग की बैठकों में भी अधिकारी बनकर पहुंचता था. इन बैठकों में शामिल होने वाले अन्य अधिकारियों पर वह दबाव डालता और फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश भी करता था. कई बार तो अधिकारियों को उसपर शक भी हुआ था लेकिन उसकी दंबगई के आगे किसी ने कभी कुछ कहा नहीं. 

एनजीओ के नाम पर बड़े अधिकारियों से मिला

पुलिस पूछताछ में आरोपी सौरभ ने बताया कि कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद उसने एक एनजीओ बनाया था. इस एनजीओ के नाम पर ही वह कई बड़े अधिकारियों और यहां तक की कई बड़े नेताओं से भी मिला. इन बैठकों के दौरान उसने अफसरों के तौर तरीके पर गौर किया और धीरे-धीरे खुदको भी एक आईएएस अधिकारी के तौर पर पेश  करना शूरू कर दिया. सिस्टम को समझने के बाद उसने उसकी कमजोरियों का फायदा उठाना शुरू किया था. 

ऐसे पकड़ा गया था फर्जी आईएएस सौरभ त्रिपाठी

हुआ कुछ यूं था कि कारगिल शहीद पार्क के पास लखनऊ की वजीरगंज पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान एक काले रंग की लग्जरी कार में चेक पोस्ट पर पहुंचे शख्स ने खुदको आईएएस बताकर रौब झाड़ने लगा. मौके पर ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों को आरोपी ने मुख्यमंत्री के नाम से धमकी दी. कहा कि मैं सबकी शिकायत सीएम साहब से करूंगा. लेकिन इसी दौरान मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को उसके हावभाव से उसपर शक होना शुरू हो गया. पूछताछ गहराई तो पता फर्जी आईएएस के सारे भेद खुलकर सामने आ गए. 

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