इटावा कथावाचक मामला: थाने का घेराव कर यादव संगठन का हंगामा, सड़क जाम और नारेबाजी कर की ये मांग

इटावा पुलिस ने दोनों कथावाचकों मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत सिंह यादव के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. जिसके बाद यादव संगठन ने थाने का घेराव किया और कथावाचकों के खिलाफ मामला वापस लेने की मांग की

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  • इटावा में कथावाचक के साथ बदसलूकी मामले ने पकड़ा तूल
  • स्थानीय लोगों में कथावाचक के साथ बदसलूकी को लेकर आक्रोश
  • अहीर रेजिमेंट और यादव संगठन ने थाना बकेवर का घेराव किया
  • प्रदर्शनकारियों ने गगन यादव की रिहाई की मांग की
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मेरठ:

उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक के साथ बदसलूकी का मामला तूल पकड़ चुका है. इस मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि अहीर रेजिमेंट और यादव संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाना बकेवर का घेराव कर जमकर हंगामा किया. लोगों ने सड़क जाम कर अपनी मांगें रखी, जिसमें गगन यादव की रिहाई और कथावाचकों के खिलाफ की गई कार्रवाई को वापस लेने की मांग प्रमुख थी. इसके साथ ही, घटना के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की गई.

कथावाचकों के खिलाफ हुए एक्शन को लेकर प्रदर्शन

इटावा के थाना बकेवर क्षेत्र में अजीत रेस्टोरेंट के पास संगठन के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की. इस दौरान सड़क जाम कर दी गई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की और भीड़ को वापस लौटने के लिए मनाया. इटावा के साथ-साथ आसपास के जनपदों से आए संगठन के सदस्यों ने एकजुट होकर अपनी मांग दोहराई कि गगन यादव को तत्काल रिहा किया जाए, कथावाचकों के खिलाफ दर्ज कार्रवाई को रद्द किया जाए.

पुलिस ने कथावचाकों के खिलाफ दर्ज किया है मामला

इटावा में जाति के नाम पर कथावाचकों के साथ मारपीट मामले (Etawah Kathavachak Misbehave) में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनको पीटने वाले चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं इटावा पुलिस ने दोनों कथावाचकों मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत सिंह यादव के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. इस बीच संत यादव कथावाचक का दर्द एनडीटीवी के कैमरे पर छलक उठा.

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कथावाचक संत यादव का छलका दर्द

कथावाचक संत यादव कैमरे पर रो पड़े. उन्होंने भरे हुए गले से कहा, 'हम तो इतना होपलेस हो गए थे कि हमें मरने के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. यह घटना जो हुई, जिंदगी में पहली बार हुई. मेरे बच्चे भी रो रहे थे सर. मैं भी रो रहा था. मुझे मर जाना चाहिए. मुझे जीवित नहीं रहना चाहिए. कुल मिलाकर जो कुछ मेरे साथ हुआ, ऐसा भगवान किसी के साथ न करें. जाति के नाम पर हमें टॉर्चर किया गया. हमें बहुत मारा गया. मणियों की माला ले ली. कंठी भी तोड़कर फेंक दी. इस तरह हम को बहुत ज्यादा परेशान किया. हमारा मुंडन किया गया. मूत्र या फिर जल छिड़का गया. जूतों पर नाक रगड़वाई गई.

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