उत्तर प्रदेश के एटा जिले के एक गांव में दलित की बारात को ठाकुरों की गली से निकालने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया और पथराव में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. अवागढ़ थाना के प्रभारी अखिलेश कुमार ने बताया कि गांव ढकपुरा में दलित समाज की लड़की की शादी थी और शनिवार शाम को जब बारात गांव में प्रवेश कर रही थी तो उसे निर्धारित मार्ग के बजाय वैकल्पिक रास्ते से निकाला गया. वहीं, अब इस पूरे मामले को लेकर नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पोस्ट में लिखा, '21 जून 2025, समय रात्रि 9 बजे, उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के जलेसर विधानसभा क्षेत्र स्थित ग्राम ढाकपुरा, थाना अवागढ़ में जाटव समाज की एक निर्धन बेटी की बारात पहुंची थी. परंतु यह मंगल अवसर भी जातंकवादी हमले का शिकार हो गया. बारात के गांव में प्रवेश करते ही जातंकवादियों ने रास्ता रोक लिया और गंदी जातिसूचक गालियाँ देते हुए कहा – “अगर चमारों ने बारात चढ़ाई तो गोली से भून दिए जाओगे.'
चंद्रशेखर आजाद ने लिखा, 'पीड़ित परिवार ने हाथ जोड़कर विनती की, परंतु जातंकवादियों का ज़हर नहीं थमा. विवश होकर दलित परिवार ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन न्याय दिलाने की बजाय वह भी जातंकवादियों के सामने झुक गई.'
उन्होंने कहा कि जातंकवादियों ने पुलिस की मौजूदगी में छतों से ईंट-पत्थर बरसाए, जिसमें एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ. फिर भी पुलिस ने हमलावरों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की. उल्टा दलित समाज के घरों में घुसकर बारातियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, महिलाओं को मारा और दरवाजे तोड़ डाले.
वहीं, थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस की मौजूदगी में बारात को आगे बढ़ाया गया और विवाह की सभी रस्में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराई गईं. दूल्हे के चाचा देवचरन ने बताया कि पुलिस प्रशासन की सतर्कता और सहयोग से विवाह सकुशल संपन्न हुआ और लड़की की विदाई भी शांति से हो गई.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह ने बताया कि अवागढ़ थाना क्षेत्र में दलित व क्षत्रियों में बारात निकालने को लेकर विवाद हो गया. पथराव में एक सिपाही के घायल होने की पुष्टि करते हुए सिंह ने कहा कि पुलिस पूरी घटना की बारीकी से जांच कर रही है और गांव में भारी पुलिस बल तैनात है, शांति बनी हुई है.